9 गोलियां लगने और 2 महीने कोमा में रहने के बाद डिस्चार्ज हुए सीआरपीएफ कमांडेंट चीता

Update: 2017-04-05 14:00 GMT
अस्पताल से बाहर आते चेतन चेतन चीता।

नई दिल्ली। सीआरपीएफ के कमांडेंट चेतन चीता कश्मीर में आतंकियों से लोहा लेते समय गंभीर रूप से घायल हो गए थे। उन्हें नौ गोलियां लगी थीं जिस कारण वे कोमा में चले गए थे, वह आज एम्स के ट्रॉमा सेंटर से डिस्चार्ज हो गए। इसे शायद चमत्कार ही कहा जाएगा कि 9 गोलियां लगने और 2 महीने कोमा में रहने के बाद भी कोई शख्स बच जाए। डॉक्टर्स भी इसे चमत्कार मान रहे हैं। केंद्रीय मंत्री किरण रिजीजू ने चेतन से बुधवार को मुलाकात की। रिजिजू ने भी कहा कि चेतन की हालत अब बहुत बेहतर हैं।

करीब डेढ़ महीने वेंटिलेटर पर रहने के बाद अब डॉक्टर्स का कहना है कि हालत में सुधार है। जिंदगी और मौत से जूझने के दौरान लोगों ने सोशल मीडिया पर उनकी सलामती के लिए काफी दुआएं मांगी थीं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चेतन की पत्नी ने कहा कि उनका फिटनेस के प्रति लगाव और मजबूत इच्छाशक्ति के चलते वह ठीक हुए हैं।

केंद्रीय मंत्री किरण रिजीजू भी आज चेतन चीता का हालचाल लेने पहुंचे थे।

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14 फरवरी को जम्मू-कश्मीर के बांदीपोर जिले के हाजिन इलाके में 3 जवान और एक आतंकवादी मारा गया था और चीता बुरी तरह घायल हो गए थे। सूत्रों ने बताया था आतंकियों को उनके ठिकाने पर हमले के बारे में पहले से जानकारी मिली हुई थी। उनके बचने को चमत्कार मानते हुए ट्रॉमा सर्जरी के प्रोफेसर डॉ. अमित गुप्ता कहते हैं कि हम बुधवार को उन्हें डिस्चार्ज करने पर विचार कर रहे हैं।

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