लखनऊ (उत्तर प्रदेश)। पूर्वी उत्तर प्रदेश में शनिवार-रविवार रात हुई तेज बारिश, तूफान और ओलावृष्टि से फसलों को खासा नुकसान पहुंचा है। राजस्थान में बने सर्कुलेशन की वजह से पूर्वी उत्तर प्रदेश में ओलावृष्टि और तेज बारिश हुई थी। बलरामपुर, संत कबीर नगर, अंबेडकरनगर, कुशीनगर, देवर गोरखपुर, देवरिया, महाराजगंज, बहराइच, गोंडा, सिद्धार्थनगर सहित तमाम जिले इस बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि की जद में आए, जिससे फसलों को नुकसान हुआ। बहराइच में 50 ग्राम तक के ओले गिरने की खबर आ रही है।
आपको बता दें कि यह गेहूं कटाई का मौसम है, तो सबसे अधिक गेहूं की फसल प्रभावित हुई। इसके अलावा सरसो की फसल पर ओलावृष्टि की मार पड़ी। इसके अलवा भिडी, करैला, साग, टमाटर, नेनुआ, लौकी जैसी सब्जियों को भी काफी नुकसान पहुंचा। आम के मौर भी पेड़ों पर लग गए थे, उसको भी काफी नुकसान पहुंचा है। अंबेडकरनगर में तंबाकू की खेती होती है। गेहूं के साथ तंबाकू की खेती भी प्रभावित हुई।
शनिवार देर शाम से ही आसमान पर काले बादल उमड़ने के साथ ही हवाएं चल रही थी। इसकी वजह से उन्हें कुछ राहत मिली जो लगातार हो रही गर्मी से परेशान थे। लेकिन इससे किसानों के माथे पर जरूर बल आ गया। अचानक आए मौसम में इस बदलाव से पूर्वी उत्तर प्रदेश के कई जिलों में विद्युत आपूर्ति भी बाधित हुई। कई जगहों से तार और बिजली के खंभे गिरने की भी खबर आई।
गोरखपुर के पिपराइच ब्लॉक के युवा किसान अजय मिश्रा ने गांव कनेक्शन को फोन पर बताया कि उनके क्षेत्र में सबसे अधिक गेहूं के फसल का नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा, "हमारे क्षेत्र में किसानों के लिए गेहूं और धान मुख्य आर्थिक फसल है। ओला गिरने से गेहूं की खड़ी की खड़ी फसल ढह गई। अब आप समझ सकते हैं कि किसानों को कितना नुकसान हुआ है।" अजय ने बताया कि गेंहूं के अलावा, प्याज, उड़द और हरी सब्जियों की फसल को काफी नुकसान पहुंचा है।