आतंकी साजिश के दोषी आईएसआईएस के दो गुर्गों को सात साल की कैद  

Update: 2017-04-21 14:31 GMT
साभार इंटरनेट।

नई दिल्ली (भाषा)। आतंकी संगठन आईएसआईएस के लिए पैसा जुटाने और लोगों को संगठन में शामिल करने की आपराधिक साजिश रचने के मामले में दोषी करार दो लोगों को एक विशेष अदालत ने शुक्रवार को सात साल कैद की सजा सुनाई।

जम्मू-कश्मीर के रहने वाले आरोपी अजहर उल इस्लाम (24) और महाराष्ट्र के निवासी मोहम्मद फरहान शेख (25) के खिलाफ अदालत द्वारा आरोप तय करने और इसके महीनेभर बाद दोनों आरोपियों के अपने किए पर खेद जताने के बाद जिला न्यायाधीश अमरनाथ ने उन्हें दोषी करार दिया।

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आरोपियों ने अधिवक्ता एमएस खान के जरिए दिए आवेदन में कहा कि उन दोनों को ‘‘अपने किए (कथित तौर) पर खेद है। इससे पहले उनका कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है और वह मुख्यधारा में शामिल होना चाहते हैं तथा समाज के लिए कुछ करना चाहते हैं। दोनों पुर्नवास चाहते हैं।'' याचिका में कहा गया, ‘‘आवेदनकर्ता बिना किसी दबाव, डर और किसी के प्रभाव में आए बगैर अपना दोष स्वीकार करते हैं।'' अदालत ने पिछले माह दोनों आरोपियों और 36 वर्षीय अदनान हसन के खिलाफ आईएसआईएस के लिए पैसा जुटाने और लोगों को इस संगठन में शामिल करने की आपराधिक साजिश रचने के मामले में आरोप तय किए थे। हसन के खिलाफ मामला इसी अदालत के समक्ष अलग से चल रहा है।

अदालत ने भारतीय दंड संहिता तथा गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम के प्रावधानों के तहत आपराधिक साजिश के आरोपों तय किए थे। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने पिछले वर्ष 28 जनवरी को तीन आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। अबुधाबी से लौटने के अगले ही दिन उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। जांच एजेंसी के मुताबिक हसन और शेख वर्ष 2008 से 2012 के बीच रोजगार के संबंध में संयुक्त अरब अमीरात का बार-बार दौरा करते थे जबकि इस्लाम जुलाई 2015 में यूएई गया था। हसन इससे पहले कथित तौर पर इंडियन मुजाहिदीन से जुड़ा था और बाद में आईएसआईएस की तरफ उसका झुकाव हो गया।

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