एक घटना के बाद दोनों बन गए थे जानी-दुश्मन, अब दाऊद के खिलाफ राजन को इस्तेमाल करेगी पुलिस! 

Update: 2017-04-25 19:43 GMT
1993 ब्लास्ट के बाद दोनों अलग हो गए थे

लखनऊ। अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने फर्जी पासपोर्ट मामले में सात साल की सजा सुनाते हुए 15 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है।

बताते चलें कि कई आपराधिक मामलों में दोषी छोटा राजन को 25 अक्टूबर 2015 में इंडोनेशिया के बाली में गिरफ्तार किया गया था। यह ऑपरेशन सीबीआई, इंटेलीजेंस यूनिट, मुंबई क्राइम ब्रांच, ऑस्ट्रेलिया और इंडोनेशिया पुलिस के साथ इंटरपोल के कोऑर्डिनेशन के जरिए चलाया गया था।

पुलिस की नजरों से बचने वाले राजन ने 24 अक्टूबर को व्हाट्सऐप के जरिए एक शुभचिंतक को फोन किया, जिसे सुरक्षा एजेंसियों ने टेप कर लिया था। इसके बाद ही सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई थीं। इंटरपोल ने भी अलर्ट जारी कर दिया गया था। 25 अक्टूबर को ऑस्ट्रेलियन फेडेरल पुलिस को खबर मिली कि भारतीय मूल का एक नागरिक बाली जा रहा है। ऑस्ट्रेलिया ने फौरन इंटरपोल के जरिए बाली इमिग्रेशन डिपार्टमेंट को इसकी सूचना दी और छोटा राजन को एयरपोर्ट पर ही गिरफ्तार कर लिया गया था।

बताया जा रहा है कि छोटा राजन की गिरफ्तारी कई मायनों में महत्वपूर्ण है। भारतीय एजेंसियों को दाऊद के बारे में अहम जानकारी दे सकता है। उसके सहारे एजेंसियां दाऊद के नेटवर्क में भी सेंध लगा सकती हैं। इसके साथ ही उन भारती नामों का भी खुलासा हो सकता है, जो दाऊद की मदद करते हैं।

10 साल की उम्र में करता था टिकट ब्लैक

छोटा राजन का असली नाम राजेंद्र सदाशिव निखलजे है। 1960 में मुंबई के चेम्बूर की तिलक नगर बस्ती में जन्मे राजन ने 10 साल की उम्र में उसने फिल्म टिकट ब्लैक करना शुरू कर दिया। एक बार उसने एक पुलिस वाले की लाठी छीनकर सबके सामने उसे पीटने लगा। इस जुर्म में वह गिरफ़्तार हुआ, लेकिन ज़मानत किसी और ने नहीं, बल्कि डॉन राजन नायर ऊर्फ बड़ा राजन ने ली। इस तरह वह राजन नायर गैंग में शामिल हो गया। जुर्म की दुनिया में नायर को 'बड़ा राजन' के नाम से जाना जाता था। यह नायर का दाहिना था, इसलिए लोग इसे 'छोटा राजन' कहने लगे।

जब दाऊद और छोटा राजन की दोस्ती में आई दरार

बड़ा राजन की मौत के बाद पूरे गैंग की कमान छोटा राजन ने संभाल ली। इसके बाद अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद से इसकी पहचान हो गई। दोनों ने साथ मिलकर मुंबई में वसूली, हत्या और तस्करी जैसे अपराध किए। 1988 में वह दुबई चला गया और दोनों मिलकर पूरी दुनिया में गैर-कानूनी काम करने लगे। फिर कुछ ऐसा हुआ कि दो जिगरी दोस्त हमेशा के लिए अलग हो गए और एक दूसरे की जान के दुश्मन बन गए। दरअसल 1993 मुंबई ब्लास्ट में दाऊद का हाथ था और यह बात जब छोटा राजन को पता चली तो उसने खुद को दाऊद से अलग करके नया गैंग बना लिया। दोनों एक दूसरे को मारने का प्लान बनाते रहे। राजन पर कई बार जानलेवा हमला हुए लेकिन वह हर बार बच गया।

मौत की अपवाह से सब सकते में आ गए थे

इस बीच 2014 में खबर उड़ी जिससे अंडरवर्ल्ड के साथ पूरा पुलिस खेमा सकते में आया। खबर थी कि अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन की मौत हो गई। उसकी किडनी खराब थी और डायलसिस के दौरान उसकी हालत खराब हो गई जिससे उसकी मौत हो गई। इसके बाद एक न्यूज चैनल से फोन पर बातचीत के दौरान छोटा राजन ने बताया कि वह जिंदा है।

पत्रकार जेडे को मरवाया था छोटा राजन ने

भारत में छोटा राजन पर 65 से ज्यादा आपराधिक केस दर्ज है। राजन नायर गैंग में रहते हुए उसके खिलाफ पहले से अवैध वसूली, धमकी, मारपीट और हत्या की कोशिश के मामले दर्ज थे। दाऊद के साथ आने के बाद अपराध की संख्या और बढ़ गई। भारत में उसके खिलाफ 20 से ज्यादा लोगों की हत्या के केस दर्ज हैं। साल 2011 में मुंबई के वरिष्ठ पत्रकार ज्योतिर्मय डे की हत्या में भी उसका हाथ है।

बॉलीवुड में बन चुकी हैं कई फिल्में

बॉलीवुड और अंडरवर्ल्ड का रिश्ता काफी पुराना है. अंडरवर्ल्ड का बहुत पैसा फिल्मों लगता रहा है. कई एक्टर और एक्ट्रेस के नाम अंडरवर्ल्ड डॉन से जुड़ते रहे हैं. ऐसे उनकी जिन्दगी से प्रभावित फिल्में बनना स्वाभाविक है. छोटा राजन की जिंदगी पर भी कई फिल्में बनी हैं. अपराध जगत पर बनने वाली फिल्मों में महेश मांजरेकर की वास्तव: द रियलिटी, रामगोपाल वर्मा की कंपनी, सत्या, डी और वंस अप ऑन ए टाईम इन मुंबई प्रमुख हैं।

ममता कुलकर्णी के साथ जुड़ा था नाम

यह भी बताया जाता है कि छोटा राजन को फिल्मों का काफी शौक था और उसे नब्बे के दशक की अभिनेत्री ममता कुलकर्णी बेहद पसंद थी। यहां तक कि फिल्मों में ममता की एंट्री भी छोटा राजन ने ही करवाई थी।

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