45 वर्षों के सर्वोच्च स्तर पर पहुंची बेरोजगारी, सोशल मीडिया पर मचा हंगामा

चुनाव से पहले बेरोजगारी के आंकड़ों पर लीक रिपोर्ट में अनुमानित बेरोजगारी दर की पुष्टि करते हुए श्रम मंत्रालय ने यह आंकड़े जारी किए। इसके मुताबिक 2017-18 के दौरान देश में बेरोजगारी कुल श्रम शक्ति का 6.1 प्रतिशत रही, जो 45 वर्षों में सबसे अधिक है।

Update: 2019-06-01 05:39 GMT

लखनऊ। चुनाव से पहले बेरोजगारी के आंकड़ों पर लीक रिपोर्ट में अनुमानित बेरोजगारी दर की पुष्टि करते हुए श्रम मंत्रालय ने यह आंकड़े जारी किए। इसके मुताबिक 2017-18 के दौरान देश में बेरोजगारी कुल श्रम शक्ति का 6.1 प्रतिशत रही, जो 45 वर्षों में सबसे अधिक है। लोग सोशल मीडिया पर जमकर हंगामा कर रहे हैं। इस दौरान कांग्रेस व आप पार्टी नेताओं ने भी ट्वीट करके सरकार पर निशाना साधा है।

चुनाव से पहले बेरोजगारी के आंकड़ों पर जो रिपोर्ट लीक हुई थी शुक्रवार को सरकारी आंकड़ों में उसकी पुष्टि हो भी हो गई। सरकारी आंकड़ों के अनुसार देश में 2017-18 के दौरान देश में बेरोजगारी कुल श्रम शक्ति का 6.1 प्रतिशत रही, जो 45 वर्षों में सबसे अधिक है। श्रम मंत्रालय ने यह आंकड़ा ऐसे समय जारी किया है जब नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल की शुरुआत करते हुए मंत्रियों ने पदभार संभाला। मंत्रालय द्वारा जारी इन आंकड़ों के अनुसार शहरी क्षेत्र में रोजगार योग्य युवाओं में 7.8 प्रतिशत बेरोजगार रहे जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में यह अनुपात 5.3 प्रतिशत रहा। पूरे देश में पुरूषों की बेरोजगारी दर 6.2 प्रतिशत जबकि महिलाओं के मामले में 5.7 प्रतिशत रही।

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नोटबंदी के बाद का पहला सर्वे...

यह रिपोर्ट काफी महत्वपूर्ण है। यह जुलाई 2017 से जून 2018 के बीच जुटाए गए डेटा पर आधारित है। यानी यह नोटबंदी के बाद का पहला आधिकारिक सर्वेक्षण है। सरकार पर यही रिपोर्ट दबाने का आरोप लगाते हुए राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग के कार्यकारी अध्यक्ष सहित दो सदस्यों ने जनवरी में इस्तीफा दे दिया था। उनका कहना था कि रिपोर्ट को आयोग की मंजूरी मिलने के बाद भी सरकार जारी नहीं कर रही। यह रिपोर्ट दिसंबर 2018 में जारी की जानी थी।

शहरी क्षेत्र में युवा ज्यादा बेरोजगार...

एनएसएसओ रिपोर्ट में कहा गया था कि 2017-18 में बेरोजगारी दर ग्रामीण क्षेत्रों में 5.3% और शहरी क्षेत्र में सबसे ज्यादा 7.8% रही। पुरुषों की बेरोजगारी दर 6.2% जबकि महिलाओं की 5.7% रही। इनमें नौजवान बेरोजगार सबसे ज्यादा थे, जिनकी संख्या 13% से 27% थी। 2011-12 में बेरोजगारी दर 2.2% थी। जबकि 1972-73 में यह सबसे ज्यादा थी। बीते सालों में कामगारों की जरूरत कम होने से ज्यादा लोग काम से हटाए गए।


अतीत के साथ तुलना करना अनुचित...

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सरकार ने बेरोजगार दर के लिए तुलनीय संख्या (comparable numbers) देने से इनकार कर दिया। मुख्य सांख्यिकीविद् प्रवीण श्रीवास्तव ने संवाददाताओं से कहा, यह एक नई डिजाइन, नई मीट्रिक है। अतीत के साथ तुलना करना अनुचित होगा। (इनपुट भाषा)

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