आंधी-पानी : गेहूं किसानों के अरमानों पर मौसम फेर रहा पानी  

Update: 2018-04-09 16:11 GMT
करनाल की एक मंडी में पानी से गेहूं निकालता श्रमिक।    फोटो-सोनू शर्मा 

मौसम के मिजाज ने किसानों की परेशानी बढ़ा दी है। बेमौसम हुई बारिश ने किसानों की कमर तोड़ दी है। खासकर गेहूं बादल आफत बनकर बरस रहे हैं। एक तरफ किसानों की फसल खेतों में ही मौसम का शिकार बना, दूसरी तरफ अगर किसान फसल को कटाई कर उसे लेकर मंडी में पहुंच भी गया तो वहां भी गेहूं मंडी में ही भीग गया। इससे किसानों को दोहरी मार पड़ रही है।

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खेतों में कटी पड़ी है गेहूं की फसल

लगभग 50 फीसदी किसानों ने गेहूं की कटाई शुरू कर दी है, लेकिन अभी तक किसी भी किसान के गेहूं निकलकर घर तक नहीं पहुंचे हैं। तेज आंधी और बारिश के चलते खड़े गेहूं फैल गए हैं, जबकि कटे पड़े गेहूं में और ज्यादा नुकसान है। क्योंकि ज्यादातर खेतों में पानी भर गया है। जिसमें गेहूं गलने की ज्यादा संभावना है। वहीं खेतों में कटी पड़ी सरसों तो पूरी तरह झड़ गई है। किसानों का मानना है कि इस यदि यही हाल रहा तो किसानों सहित अन्य लोगों को भी गेहूं संकट से जूझना पड़ेगा।

लखनऊ में अपने खेत में भीगी गेहूं की फसल को उठाते साहबदीन। फोटो- अभिषेक वर्मा।

जनपद मेरठ के गांव फफूंडा निवासी किसान सुमित(34वर्ष) बताते हैं,“ सारा गेहूं खेतों में कटा पड़ा था, एक दो दिन में निकलवाने का प्लान था, लेकिन भगवान ने सारी मेहनत पर पानी फेल दिया।”

वहीं हापुड़ के गांव हिम्मतपुर निवासी रतिराम (45वर्ष) बताते हैं,“ सरसो सहित पूरा गेहूं आंधी के चलते ढह गया है। इस बार बहुत नुकसान हुआ है। ”

बाराबंकी के बेलहरा के किसान वीरेंद्र कुमार बताते है, “यहां सब्जियों की खेती ज्यादा होती है तो कद्दू, लौकी और खीरा, खरबूजा तैयार हैं। उसे तो ज्यादा नुकसान नहीं हुआ है लेकिन मिर्च के तैयार हो रहे पौधे आंधी के चलते झुक गए है। ”

गीले गेहूं को पहले खरीदा जाए

हरियाणा के किसान संदीप ने फोन पर गाँव कनेक्शन को बताया, सरकार के आदेशानुसार पूरे देश में एक अप्रैल से गेहूं की खरीद शुरू कर दी जाएगी। इसलिए किसान एक अप्रैल से ही गेहूं लेकर मंडियों में पहुंच गए, लेकिन ज्यादातर मंडियों में खरीद शुरू नहीं हो सकी। बेमौसम बारिश से मंडियों ने पहुंचा गेहूं भीग गया। किसानों का कहना है, कि मंडियों में भीगे गेहूं को सबसे पहले खरीदा जाए। इसके साथ ही गेहूं में 12 प्रतिशत नमी की मात्रा को बढ़ाकर 18 प्रतिशत किया जाए।

मंडी में भीगा गेहूं। फोटो- साभार मेघराज

भारतीय किसान यूनियन ने दी आंदोलन की चेतावनी

अनाज मंडी में गेहूं के ढकने तक का भी उचित प्रबंध नहीं है। यहां तक की शेड के नीचे पानी भरने से एजेंसियों को भी भारी नुकसान होने का अंदेशा बना हुआ है। गोहाना व राई क्षेत्र में भी खुले में पड़ा गेहूं बारिश के कारण भीग गया है। करनाल के किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं ने कहा है, मंडियों का सर्वे कराया जाए और किसानों के नुकसान का मुआवजा दिया जाए। दस अप्रैल तक अगर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया तो किसान आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे।

किसान यूनियन ने लिखा खत। 

उत्तर भारत में ज्यादा होगी बारिश

मौसम वैज्ञानिक डा. यूपी शाही बताते हैं, वैश्विक जलवायु परिवर्तन के चलते इस बार समूचे उत्तर भारत में ज्यादा बारिश की संभावना है। भारतीय मानसून पेरू की तट से सटे प्रशांत महासागर पर घटित होने वाले परिवर्तनों से प्रभावित होता है। समूंद्र की सतह के हिसाब से लानीना प्रभावी होता है। जब समुंद्र की सतह एक सीमा से ज्यादा गर्म हो जाती है। तो अलनीना प्रभावी हो जाता है। इसी के चलते समय से पहले बारिश ने दस्तक दी है।

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