उत्‍तर प्रदेश सरकार ने पराली जलाने की घटनाओं पर 26 जिलों के पुलिस कप्‍तानों से मांगा जवाब

Update: 2019-12-02 08:45 GMT

उत्‍तर प्रदेश के कई जिलों से पराली जलाने की खबरें आ रही हैं। इसे देखते हुए उत्‍तर प्रदेश सरकार ने 26 जिलों के पुलिस कप्‍तानों से तीन दिसंबर तक जवाब मांगा है। सरकार ने इन पुलिस कप्‍तानों को पिछले साल और इस साल पराली जलाए जाने की घटनाओं की एक सूची भी भेजी है।

यह नोटिस मेरठ, बुलंदशहर, शामली, गौतमबुद्ध नगर, बागपत, हापुड़, आगरा, फिरोजाबाद, हाथरस, कासीराम नगर, बदायूं, मुरादाबाद, ज्योतिबा फुले नगर, संभल, कानपुर देहात, फर्रुखाबाद, कन्नौज, ललितपुर, बांदा, हमीरपुर, महोबा, भदोही, चित्रकूट, अमेठी, जालौन और रामपुर के पुलिस कप्‍तानों को जारी किया गया है।

यूपी सरकार की यह कार्यवाही सुप्रीम कोर्ट के सख्‍त रवैये के बाद सामने आई है। सुप्रीम कोर्ट ने 25 नवंबर को सुनवाई के दौरान पराली जलाने को लेकर पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और दिल्ली सरकार की जमकर खिंचाई की थी। कोर्ट ने फटकार लगाते हुए कहा कि प्रदूषण पर नियंत्रण पाने के लिए सरकारों में कोई इच्छा शक्ति नहीं दिखाई देती. कई आदेश के बावजूद पराली जलाने के मामले लगातार बढ़े हैं ऐसे में क्यों ना सरकारों पर जुर्माना लगाया जाए।


हालांकि यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पहले भी पराली जलाने की घटनाओं के मद्देनजर सभी जिला मजिस्ट्रेट को सख्त निर्देश जारी किए थे। निर्देश में कहा गया था कि इसकी वजह से राज्य में और राज्य से लगते अन्य क्षेत्रों में प्रदूषण बढ़ रहा है, इसीलिए इस पर रोक लगाई जाए। इसके बाद भी कई जिलों में पराली जलाने की घटन थम नहीं रही है। ऐसे में अब सरकार ने 26 जिलों के पुलिस कप्‍तानों से तीन दिसंबर तक जवाब मांगा है।

इससे पहले भी योगी सरकार ने पराली जलाने की घटनाओं को लेकर 10 जिलों के अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी थी। मथुरा, पीलीभीत, शाहजहांपुर, रामपुर, लखीमपुर खीरी, महाराजगंज, बरेली, अलीगढ़, जालौन व झांसी के जिलाधिकारियों व पुलिस अधीक्षकों को पराली जलाने पर 20 नवंबर तक रिपोर्ट जमा करने को कहा गया था। 

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