डॉक्टरों की हड़ताल पांचवे दिन भी जारी, ममता बनर्जी घायल डॉक्टरों से करेंगी मुलाकात
लखनऊ। पश्चिम बंगाल के डॉक्टरों की हड़ताल का असर देशभर में दिखाई दे रहा है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के डॉक्टरों से हड़ताल खत्म करने की अपील भी कुछ काम नहीं आई और डॉक्टर पांचवे दिन भी हड़ताल पर डटे हुए हैं। वहीं अब ममता बनर्जी घायल डॉक्टर से मिलने के लिए अस्पताल जाएंगी। ऐसी उम्मीद है कि इसके बाद हड़ताल खत्म हो सके।
जूनियर डॉक्टर की पिटाई के बाद हुई डॉक्टरों की हड़ताल का असर सरकारी अस्पतालों में दिख रहा है। हड़ताल के कारण मरीजों और उनके तिमारदारों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मामले में बंगाल में अब तक 150 से ज्यादा डॉक्टरों ने इस्तीफा दिया है।
हाल यह है कि इस हड़ताल का समर्थन कई राज्यों के डॉक्टरों द्वारा किया जा रहा है। दिल्ली के एम्स, सफदरजंग अस्पताल, डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन, यूनाइटेड रेजिडेंट एंड डॉक्टर्स एसोसिशन ऑफ इंडिया (यूआरडीए) और फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (एफओआरडीए) ने डॉक्टरों को सुरक्षा देने की मांग का समर्थन किया है।
Kolkata: Junior doctors of NRS Medical and Hospital continue their strike for the fifth day over violence against doctors. #WestBengal pic.twitter.com/FIAlKIFwDR
— ANI (@ANI) June 15, 2019
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने शुक्रवार को डॉक्टरों से हड़ताल खत्म करने की अपील की थी। हर्षवर्धन ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से उनके प्रदेश में डॉक्टरों के खिलाफ अल्टीमेटम वापस लेने का आग्रह किया। उनका कहना है कि ममता के अल्टीमेटम के कारण देशभर में डॉक्टर हड़ताल पर चले गए। डॉक्टरों से समाज के हित में हड़ताल खत्म करने के की अपील करते हुए हर्षवर्धन ने कहा कि वह पूरे देश के अस्पतालों में उनके लिए सुरक्षित माहौल सुनिश्चित करने के लिए संभव कदम उठाएंगे। डॉक्टरों के संगठनों ने हर्षवर्धन को पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों के साथ हुई हिंसा को लेकर ज्ञापन भी दिया है।
इससे पहले गुरुवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोलकाता स्थित एक सरकारी अस्पताल एसएसकेएम मेडिकल कॉलेज अस्पताल का दौरा किया था। उन्होंने हड़ताली डॉक्टर्स को तुरंत हड़ताल ख़त्म करने का अल्टीमेटम भी दिया। ममता ने अस्पताल के दौरे के बाद पत्रकारों से कहा, "यह हड़ताल बीजेपी की साजिश है। आंदोलनकारियों ने स्वास्थ्य सेवाएं ठप कर दी हैं। इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। आंदोलन तुरंत खत्म नहीं हुआ तो सरकार कड़ी कार्रवाई करेगी। सरकार हर डॉक्टर पर 25 लाख रुपए ख़र्च करती है। डॉक्टर हड़ताल नहीं कर सकते। उनको मरीजों की सेवा करनी होगी।" उन्होंने कहा, ''बीजेपी माकपा की सहायता से हिंदू-मुस्लिम राजनीति कर रही है।''
Delhi: Indian Medical Association (IMA) delegation meets Union Health Minister Dr Harsh Vardhan over the ongoing strike of doctors in West Bengal. pic.twitter.com/0GDIcaDHQs
— ANI (@ANI) June 15, 2019
क्या है घटना जिसके बाद शुरू हुई हड़ताल
यह घटना सोमवार शाम (10 जून) की है। कोलकाता के सरकारी एनआरएस मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एक 75 साल के बुजुर्ग मोहम्मद सईद को दिल का दौरा पड़ने के बाद एडमिट कराया गया। वहां मोहम्मद सईद को दूसरा दिल का दौरा पड़ा। रात को ड्यूटी पर तैनात जूनियर डॉक्टर्स ने सईद को जीवनरक्षक इंजेक्शन लगाया, लेकिन उसकी जान नहीं बचा पाए।
इसके बाद परिजन अस्पताल में हंगामा करने लगे। उन्होंने अपने इलाके से लोगों को बुलाया। रात में करीब 11 बजे दो ट्रकों में भरकर लोग अस्पताल में पहुंचे। लोगों ने ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर परिवह मुखर्जी और यश टेकवानी की बुरी तरह पीटाई कर दी। ईंट की चोट से मुखर्जी के सिर में फ्रैक्चर हो गया, जिन्हें एक निजी नर्सिंग होम में एडमिट कराया गया। इस घटना के विरोध में डॉक्टर हड़ताल कर रहे हैं।
इस मामले में राजनीति भी होने लगी। बीजेपी नेता मुकुल राय ने आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस से जुड़े लोगों ने डॉक्टरों पर हमला किया था। मामले में राज्य सरकार ने इस घटना की जांच के लिए एक विशेष कार्य बल (एसटीएफ) का गठन कर दिया है। वहीं, पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है।