दहेज देकर शादी नही करने की कसम

Update: 2016-05-10 05:30 GMT
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लखनऊ। दहेज के विरोध में राजधानी की 500 लड़कियों ने एक नई पहल की है। इन लड़कियों ने बिना दहेज शादी करने का संकल्प लिया। इनमें से ज्यादातर ये लड़़कियां मध्यम वर्गीय परिवार की है और कुछ नर्सिंग का कोर्स कर रही हैं।

इधर पांच सौ लड़कियां बगैर दहेज के शादी करने का संकल्प ले रही थीं, वहीं दूसरी ओर राजधानी के नाका स्थित नाकाथाना क्षेत्र में एक विवाहिता का शव संदिग्ध हालात में लटका मिला। मृतका के परिवार वालों ने ससुराल पक्ष पर दहेज हत्या का आरोप लगाया है। राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो के आंकड़ों 2012 से लेकर 2014 के अनुसार साल 2012 में दहेज हत्या के आठ हज़ार 233 मामले दर्ज हुए जबकि अगले साल यह घटकर आठ हज़ार 83 पर आ गए लेकिन 2014 में इनमें फिर से तेजी आई और यह आंकड़ा 8,455 पर पहुंच गया।

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की मंत्री मेनिका गांधी ने लोकसभा आंकड़ा प्रस्तुत किया था जिसमें दहेज के कारण देश में तीन वर्षों में 24 हजार 400 सौ लड़कियों को मार दिया गया। साथ ही 30 हजार मुकदमे न्यायालय में लंबित हैं।  बाराबंकी में रहने वाली निकिता कुमारी (19 वर्ष) जीएनएम की पढ़ाई कर रही हैं। निकिता बताती हैं कि हम आज संकल्प ले रहे हैं कि दहेज कभी नहीं देंगे। मैं मध्यम श्रेणी परिवार की हूं, पहले माँ-बाप पढ़ाई करायें और फिर लाखों रुपये दहेज के लिये दें। दहेज के खिलाफ हमें तो होना ही पड़ेगा। आज नहीं तो कभी नहीं बोल पायेंगे और ये सिलसिला चलता रहेगा। 

कार्यक्रम के दौरान रिटायर डीजीपी मनोज कुमार सिंह और वरिष्ठ न्यायाधीश देवी प्रसाद सिंह ने इस लड़कियों को संकल्प दिलाया और बताया कि बेटीयों ने यह संकल्प लिया तो बहुत बड़ा परिर्वतन समाज में आयेगा। देश में बदलाव की जरूरत है और ये बदलाव आज की बेटी के हाथ में है। राणा प्रताप शक्ति मिशन ने इस डाऊरी फ्री इंडिया मूवमेन्ट नामक कार्यक्रम का आयोजन किया। कॉलेज की छात्रा फरहीन कुलसुम आरडीएस से बी काम द्वितीय वर्ष की छात्रा हैं। वो बताती हैं कि पहले मुस्लिम में दहेज नहीं लिया जाता पर लोगों की देखादेखी में और अपने शौक के लिए अब दहेज की मांग करने लगे है। इसे रोकने के लिए अभी से पहल करनी होगी।

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