जयपुर (भाषा)। केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावर चन्द गहलोत ने कहा कि दिव्यांगों की सात श्रेणी से बढ़ाकर 19 श्रेणियां बनाने का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। इसे कानूनी रुप प्राप्त होने के बाद कोई भी दिव्यांग योजनाओं का लाभ लेने से वंचित नहीं रहेगा।
गहलोत ने आज यहां सुगम्य भारत अभियान जागरुकता कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए कहा कि केंद्र सरकार द्वारा दिव्यांगों के लिए कार्य तेज गति से किये जा रहे हैं उनके लिए अनेक योजनाएं बनाकर उनके सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक एवं विकास करने साथ मानसिक एवं बौद्धिक विकास पर विशेष जोर दिया है।
उन्होंने बताया कि दिव्यांगों के लिए वर्ष 2014-2015 से पूर्व मैट्रिक एवं उत्तर मैट्रिक छात्रवृति देने की शुरुआत की गयी है। वहीं उच्च स्तर पर पढ़ायी करने के लिए एवं विदेश जाने के लिए नेशनल फैलोशिप प्रदान करने की शुरुआत की है। उन्होंने बताया कि उन्होंने कोटा व जयपुर में 13 करोड़ रुपये की लागत से कोचिंग करने वाले छात्र-छात्राओं के लिए एवं सात संभागों पर दिव्यांग छात्र-छात्राओं के लिए छात्रावास बनवाने की घोषणा करते हुए कहा कि राज्य सरकार अपने हिस्से की दस प्रतिशत राशि के साथ भूमि उपलब्ध करवाने पर तीन माह में निर्माण कार्य शुरु करवा दिया जायेगा।
उन्होंने कहा कि सुगम्य भारत अभियान के प्रथम चरण में 48 शहरों को चुना गया है, जिनमें से जयपुर शहर का भी चयन किया गया है। इस अभियान के तहत जयपुर शहर के एक सौ सरकारी भवन तथा सार्वजनिक सुविधाओं को वर्ष 2016 तक पूर्णत: सुगम्यता में बदला जाना प्रस्तावित है। इस अभियान के तहत जयपुर शहर में स्थित एक सौ राजकीय भवनों का चयन किया गया है।
गहलोत ने कहा कि देश में 1850 शिविर लगाकर तीन लाख पचास हजार लोगों को लाभान्वित किया गया और अब उन्हें प्रधानमंत्री कौशल विकास प्रशिक्षण से जोड़कर स्वरोजगार दिलाने के प्रयास किये जा रहे हैं।
केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने कहा है कि दिव्यांगों के जीवन में सुधार लाने के लिए अनेक कल्याण योजनाओं की गयी शुरुआत की। अच्छी किस्म के उपकरण उपलब्ध करवाने के लिए विदेशी कम्पनियों से समझौते किये गये हैं।