मेरठ। अगर आपके पशुओं ने दूध देना कम कर दिया है तो परेशान होने की ज़रूरत नहीं है। दरअसल गर्मी बढ़ने की वजह से उनके दूध में कमी आई है। इन दिनों अमूमन तापमान 16-27 डिग्री हुआ करता था लेकिन इस साल तापमान में पांच डिग्री तक का इजाफा अभी से देखने को मिल रहा है, जिसकी वजह से पशु परेशान हैं और उनके दूध देने की मात्र में कमी आई है। मेरठ ज़िले के गाँव देदूपुर निवासी रघुबीर (55 साल) अपने पशुओं के बाड़े में खड़े हो अपने पशुओं के बाल उतरवाते हुए बताते हैं की पहले तो वो होली बाद अपने पशुओं के बाल कटवाते थे लेकिन इस बार जल्दी कटवा रहे हैं रघुबीर सिंह के मुताबिक़ दुधारू हो या अन्य सभी पशुओं पर गर्मी-सर्दी का असर पड़ता है। ख़ासकर दुधारू भैंस में सर्दियों के मौसम में पशुओं को ठंड से बचाने के लिए उन के शरीर के बाल नहीं कटवाए जाते जिसकी वजह से मौसम में बदलाव के साथ उन के बालों में जुएं और पिस्सू पड़े जाते हैं। जो पशुओं के खून पर ही पलते हैं जब वो पशुओं का खून चूसते हैं तो कई बार उस जगह पर ज़ख्म तक हो जाते हैं। जिसका असर उनके दूध देने की क्षमता पर पड़ता है।
पशुओं के बाल काटने वाले 60 साल की उम्र पार कर चुके फेहमुदीन कहते हैं की पिछले 40 साल से वो ये काम कर रहे है गाँव-गाँव जाकर पशुओं के बाल काटते हैं। बाल कटने के बाद पशुओं के शरीर से जूएं ,पिस्सू तो निकल ही जाते है ज़ख्म भी साफ़ दिखने लगते है बाल उतरने के बाद देसी तरीके से गोबर के उपले से पहले तो पशु के शरीर को खूब मला जाता है फिर उस को नहला कर सरसों के तेल में पिसी गंधक मिलाकर रगड़ रगड़ कर मालिश की जाती है जिससे पशुओं के जख्म भी ठीक हो जाते हैं और आराम भी मिलता है।
रिपोर्टर - सुनील तनेजा