एआईआईबी के वित्तपोषण वाली परियोजनाओं पर निर्णय लेगा भारत: जेटली

Update: 2016-06-25 05:30 GMT
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बीजिंग (भाषा)। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि भारत का  बड़े पैमाने पर बुनियादी ढांचा कार्यक्रम है और इस बारे में जल्द ही निर्णय किया जाएगा कि किन परियोजनाओं को वित्त पोषण के लिये एशियन इंफ्रास्ट्रक्चर इनवेस्टमेंट बैंक (एआईआईबी) के पास भेजा जायेगा।

एआईआईबी निदेशक मंडल की यहां होने वाली महत्वपूर्ण बैठक से पहले जेटली ने यह बात कही। बीजिंग स्थित एआईआईबी का गठन 100 अरब डालर की अधिकृत पूंजी के साथ आधिकारिक रुप से पिछले साल हुआ। भारत तथा 56 अन्य देश इसके संस्थापक सदस्य हैं। चीन 26.06 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ इसमें सबसे बड़ा शेयरधारक है। वहीं भारत 7.5 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ दूसरा सबसे बड़ा हिस्सेदार है। उसके बाद क्रमश: रुस (5.93 प्रतिशत) और जर्मनी (4.5 प्रतिशत) की हिस्सेदारी है।

बैंक ने कल ही पाकिस्तान, बांग्लादेश, इंडोनेशिया और ताजिकिस्तान में परियोजनाओं के लिये कुल 50.90 करोड़ डालर के चार रिण के पहले सेट को मंजूरी दी है। बैठक से पहले चीन के सरकारी चैनल सीसीटीवी के साथ बातचीत में जेटली ने कहा कि भारत बड़े पैमाने पर बुनियादी ढांचा विकास कार्यक्रम चला रहा है और यह निर्णय किया जाएगा कि किन परियोजनाओं को वित्त पोषण के लिये एशियन इंफ्रास्ट्रक्चर इनवेस्टमेंट बैंक (एआईआईबी) के पास भेजा जाना चाहिए।

चीन की पांच दिन की यात्रा पर आये वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘भारत में बड़े पैमाने पर बुनियादी ढांचा कार्यक्रम चल रहा है, इसमें रेलवे, हवाईअड्डा, समुद्री बंदरगाह, जल आपूर्ति, जल निकासी, स्मार्ट सिटी, शहरीकरण शामिल हैं।'' उन्होंने कहा, ‘‘ये समानान्तर संस्थान हैं जो विकास वित्त की जरुरत के कारण विकसित हो रहा है।''

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