एटा। जिला स्वास्थ्य समिति और राज्य पोषण मिशन के तहत हुई बैठक में कुपोषण का मुद्दा छाया रहा। कलक्ट्रेट सभाकक्ष में बैठक के दौरान अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व राजेंद्र कुमार ने कहा कि कुपोषित बच्चा मिलते ही उसे तत्काल पोषण पुनर्वास केंद्र में भर्ती कराएं।
सीडीपीओ द्वारा पोषण मिशन के तहत लापरवाही बरतने की बात कहते हुए एडीएम ने उन्हें सुधार लाने की चेतावनी दी। आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों द्वारा ग्रोथचार्ट भी नहीं भरे जा रहे हैं। एसडीएम अलीगंज चंदन कुमार पटेल ने बताया कि कंचनपुर आसे, दाउदगंज में आंगनबाड़ी कार्यकत्री ठीक से कार्य नहीं कर रही हैं। वजन मशीनें भी खराब पड़ी हैं। एडीएम ने कहा कि सभी अधिकारी गोद लिए गाँवों का सघन निरीक्षण करें। सभी केंद्रों पर कुपोषित बच्चों के साथ अन्य बच्चों को भी स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराएं। ग्राम स्वास्थ्य पोषण दिवस के दौरान एएनएम उपस्थित रहें। खराब कार्य करने वाली एएनएम पर कार्रवाई अवश्य होनी चाहिए। कुपोषित बच्चों का डाटा उपलब्ध कराएं।
परियोजना अधिकारी केके वैश्य ने बताया कि गिरौरा, दतेई में भी काफी समस्या हैं। आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों, सहायिका आदि द्वारा ठीक से कार्य नहीं किया जा रहा है। एडीएम ने जनपद में ओपीडी और संस्थागत प्रसव की खराब स्थिति पर नाराजगी जताई। सीएमओ डॉ. आरसी पांडेय ने कहा कि सभी चिकित्सक संबंधित स्वास्थ्य केंद्र पर समय से पहुंचें और लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराएं।
पढऩे की उम्र में रोगी बन रहे बच्चे
बच्चे राष्ट्र की अमूल्य निधि है, इनका शिक्षित होना जरूरी है। स्वास्थ्य एवं स्वच्छता इसकी पहली सीढ़ी है। यह उद्गार जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान के प्राचार्य सुनील कुमार ने संस्थान में आयोजित स्वास्थ्य एवं स्वच्छता विषयक शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। डायट प्राचार्य ने कहा कि आज बच्चे कुपोषण का शिकार हो रहे हैं। खेलने-कूदने और पढऩे की उम्र में इन्हें रोगों से लडऩा पड़ रहा है, जिससे उनके मन मस्तिष्क पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। उन्होंने शिक्षकों से आह्वान किया कि वे बच्चों की शिक्षा के साथ स्वास्थ्य एवं स्वच्छता पर विशेष ध्यान दें। उनके अभिभावकों को इसके लिए जागरूक करें।
अब एएनएम भी कुपोषण दूर कराने में करेंगी सहायता
अब तिहरा घेरा बनाकर कुपोषण के मामलों पर काबू पाया जाएगा। हर गाँव में होने वाले ग्राम स्वास्थ्य एवं पोषण दिवस में जान फूंकने की कवायद की जा रही है। स्वास्थ्य विभाग और महिला एवं बाल विकास विभाग मिलकर इसके लिए कार्य करने को तैयार हैं।
एएनएम अपने क्षेत्र के बच्चों और गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण करती थीं। अब आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों को शामिल कर इसे अधिक मजबूत बनाया जाएगा। न केवल टीकाकरण किया जाएगा, बल्कि कुपोषण की स्थिति वाली गर्भवती महिलाओं और बच्चों को चिन्हित कर उन्हें कुपोषण मुक्त बनाने पर जोर दिया जाएगा।
नई कवायद को लेकर फिलहाल सभी एएनएम, आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खड़ौआ के अंतर्गत 38 एएनएम को जिला अस्पताल में मंगलवार को प्रशिक्षण दिया गया। अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. एके यादव और स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी दिवारीलाल यादव ने उन्हें जानकारी दी और बताया कि कोई भी कुपोषित बच्चा नियमित टीकाकरण से नहीं छूटना चाहिए। साथ ही कम हीमोग्लोबिन वाली गर्भवती महिलाओं को आयरन व अन्य जरूरी उपचार दिया जाए। महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से उन्हें अतिरिक्त पोषाहार भी दिया जाएगा।