कन्नौज। सूबे के कई जिलों में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम लागू कर दिया गया है। इसके तहत आवेदन भी खूब हुए थे। अब करीब एक महीने से आनलाइन आवेदन करने की साइट लॉक चल रही है। सैकड़ों लोग आवेदन करने से वंचित हो गए हैं। जिसकी वजह से लोगों को राशन नहीं मिल पा रहा है।
अब राशन कार्ड की अनिवार्यता खत्म कर दी गई है। गेहूं, चावल और चीनी आदि के लिए राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम कन्नौज में जनवरी से लागू है। कई जिलों में बाद में अधिनियम लागू किया जा चुका है। इसमें महिला मुखिया का आवेदन करना होता है। नए अधिनियम के तहत शहरी क्षेत्र में 64 फीसदी और ग्रामीण क्षेत्र में 79 फीसदी लोगों को लाभ दिया जाएगा। पहले जिन लोगों ने आवेदन कर दिए उनके कार्ड बनकर आ चुके हैं। वितरण भी चल रहा है, लेकिन हजारों लोग आवेदन करने से वंचित रह गए हैं। अब एक महीने से अधिक समय से आवेदन करने वाली साइट लॉक है। इससे आवेदन बंद हैं।
हजारों आवेदन भी फंस गए हैं। उनकी हार्ड कॉपी नहीं निकल पाई है जिससे लोग पूर्ति विभाग में जमा कर सकें। ऐसे लोगों को लाभ भी नहीं मिल पा रहा है। राशन लेने के लिए वह भटक रहे हैं। तिर्वा कस्बे के बौद्धनगर निवासी बाबूलाल दिवाकर का कहना है कि उन्होंने एक इंटरनेट कैफे पर आवेदन करने के लिए सभी दस्तावेज 20 दिन पहले दिए थे, लेकिन साइट बंद होने की वजह से आवेदन नहीं हो सका।
जलालाबाद ब्लॉक क्षेत्र के अलीनगर निवासी अरवेंद्र सिंह बघेल का कहना है कि साइट न चलने की वजह से उनका आवेदन भी नहीं हुआ। जिसकी वजह से कोटेदार राशन नहीं दे रहा है। दुर्गानगर के विजय कुमार, विमलेंद्र सिंह और बौद्धनगर के राजेष सविता की भी ऐसी ही दिक्कत है। इनके आवेदन भी नहीं हो पाए हैं। यह लोग अब साइट खुलने का इंतजार कर रहे हैं। कुछ के आवेदन तो हो गए, लेकिन प्रिंट न निकलने की वजह से वह जमा नहीं कर पाए। मजबूरन लाभ से वंचित हैं। अभी तय नहीं हो सका है कि लखनऊ से साइट कब खोली जाएगी।
जनसुविधा केंद्र संचालक भी परेशान
साइट लॉक होने से इंटरनेट कैफे, जनसुविधा केंद्र और लोकवाणी केंद्रों से आवेदन नहीं हो पा रहे हैं। जिसकी वजह से उनका आर्थिक नुकसान हो रहा है। कुछ केंद्रों पर संचालकों की आवेदनकर्ताओं के साथ नोकझोक भी हो जाती है कि उन्होंने काफी पहले आवेदन दिया था लेकिन आवेदन नहीं हो सका।
यह मिलेगा लाभ
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत पर यूनिट साढे़ तीन किलो गेहूं और डेढ़ किलो चावल मिलेगा। हर राशन कार्डधारक को 900 ग्राम चीनी भी दी जाएगी। अधिनियम से शहरी क्षेत्र के 64 फीसदी और ग्रामीण क्षेत्र के 79 फीसदी लोगों को लाभान्वित किया जाएगा।
रिपोर्टर -अजय मिश्रा