नई दिल्ली (भाषा)। एम्स ने शनिवार को ‘एक रोगी को गोद लेने’ की नीति शुरू की। इसके तहत जो रोगी अपने इलाज का खर्च उठाने में सक्षम नहीं हैं या घर पर पुनर्वास के लिए जरूरी उपकरण नहीं खरीद सकते उनके लिए लोगों से चंदा मांगा जाएगा।
एम्स के निदेशक एमसी मिश्रा ने कहा, ‘‘एक रोगी को गोद लेने’ की नीति के तहत लोग ऐसे रोगियों के लिए चंदा दे सकते हैं जो घर पर पुनर्वास के लिए आवश्यक उपकरण खरीद पाने में सक्षम नहीं होने के कारण अपनी सर्जरी का इंतजार कर रहे हैं।’’ मिश्रा ने कहा, ‘‘मस्तिष्क और रीढ़ से संबंधित बीमारियों से ग्रस्त रोगियों को ध्यान में रखते हुए इस नीति को शुरु किया गया और ऐसे रोगी जो काफी विकलांग हैं।
नीति से जिनके अंग कट गए हैं, पक्षाघात और लकवाग्रस्त लोग लाभान्वित होंगे।’’ एम्स में हर वर्ष करीब दो लाख रोगियों का इलाज होता है, जिनमें से करीब आधे गरीब होते हैं। फिर ऐसे मामले आते हैं जहां रोगियों को प्रतिरोपण के लिए धन नहीं होता या जिनके परिजन उनका त्याग कर देते हैं और वे उपचार का खर्च वहन करने में अक्षम होते हैं।