एसएसबी सीमा चौकियों पर बढ़ेगी महिला कर्मियों की संख्या

Update: 2016-05-15 05:30 GMT
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नई दिल्ली (भाषा)। सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) नेपाल और भूटान सीमा पर स्थित अपनी अपनी अग्रिम चौकियों में महिला कर्मियों की संख्या बढ़ाने की योजना बना रहा है।

एसएसबी महिलाओं को युद्धक कर्मियों के रूप में शामिल करने वाला पहला अर्द्धसैनिक बल है। योजना में जवानों और अधिकारियों के लिए कल्याण गतिविधियों और सुविधाओं को भी मजबूत करने पर विचार किया जा रहा है। भारत की दोनों खुली सीमाओं की रखवाली करने वाले एसएसबी को न सिर्फ असैन्य नागरिकों के भारी आवागमन को देखना पड़ता है, बल्कि मादक पदार्थों की तस्करी, मानव तस्करी और अन्य सीमा पार अपराधों से भी निपटना पड़ता है। एसएसबी की नवनियुक्त प्रमुख अर्चना रामासुंदरम देश में किसी अर्द्धसैनिक बल की पहली महिला प्रमुख हैं।

उन्होंने कहा कि बल सीमा चौकियों में ‘‘महिला कर्मियों की संख्या बढ़ाने'' और उन्हें अभियानगत मोर्चा दायित्व में लगाने की योजना बना रहा है। उन्होंने कहा कि बल सरकार के हाल के उस निर्देश के अनुसार निर्धारित समय में लक्ष्य हासिल करने के लिए भी काम कर रहा है, जिसमें एसएसबी, बीएसएफ और आईटीबीपी जैसे सीमा प्रहरी बलों में महिला कर्मियों की संख्या कुल संख्या के 33 प्रतिशत करने को कहा गया है।

अर्चना रामासुंदरम ने कहा, ''हम न सिर्फ युद्धक भूमिकाओं में महिलाओं की संख्या बढ़ाने पर विचार कर रहे हैं, बल्कि यह सुनिश्चित करने पर भी विचार कर रहे हैं कि सभी कर्मियों को उनके तैनाती स्थल पर अतिरिक्त सुविधाएं मिलें।''

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