गाँवों में बिजली की निगरानी करेंगे केन्द्र के इंजीनियर

Update: 2016-04-09 05:30 GMT
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लखनऊ। गाँवों में बिजली पहुंचाने की योजना को गति देने और कामों की गुणवत्ता पर नज़र रखने के लिए केंद्रीय ऊर्जा राज्य मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को लखनऊ से पायलट तौर पर ग्रामीण विद्युत अभियंताओं की नियुक्ति की शुरुआत की। उन्होंने यह भी कहा कि वर्ष 2019 तक यूपी के हर गाँव तक बिजली पहुंचा दी जाएगी।

ये अभियंता, कहां ट्रांसफार्मर और खंभा पहुंचा, कहां नहीं, गाँव के लोगों की दिक्कतें और उनके सुझाव सबको ये अभियंता एक एप में फीड करेंगे, जिसे ‘गर्व’ नाम दिया गया है। अभियंता हर महीने समीक्षा रिपोर्ट केंद्र को भेजेंगे। एप के ज़रिए ग्रामीण अभियंता फोटो डालेंगे और हर दिन, हर गाँव का ब्यौरा अपडेट करेंगे। 

केंद्रीय मंत्री ने कहा, “प्रदेश में बिजली की व्यवस्था इसलिए बिगड़ी क्योंकि यहां कोई काम नहीं हुआ था। 2014 में मोदी सरकार बनने के बाद केंद्र ने ग्रामीण विद्युतीकरण के काम को शुरु कर आगे बढ़ाया।” 

गोयल ने कहा, “एक अप्रैल 2015 से एक अप्रैल 2016 तक हम लोग 1313 गाँवों तक बिजली पहुंचा पाए। जबकि 2012 से 2013 के बीच यूपी में सिर्फ तीन गाँवों का विद्युतीकरण किया गया और 2013-2014 के बीच एक भी गाँव को बिजली से नहीं जोड़ा गया था।”

बिजली की कमी नहीं, यूपी खरीद नहीं रहा

उत्तर प्रदेश में बिजली की किल्लत के लिए प्रदेश सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए केंद्रीय ऊर्जा राज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि देश में बिजली की कमी नहीं है, उत्तर प्रदेश जितनी चाहे उतनी बिजली खरीद सकता है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि देश में बिजली की वैसे कमी नहीं है। यूपी चाहे तो पावर एक्सजेंस से बिजली खरीद सकता है। देश में कितनी बिजली है और किस दर पर उपलब्ध है इस पर नजर रखने के लिए ‘विद्युत प्रवाह’ एप बनाया गया है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि शुक्रवार दोपहर 2:41 बजे विद्युत प्रवाह में 3.17 पैसे का रेट है, कल (बृहस्पतिवार) को इस टाइम रेट 3.27 पैसे था। राज्य ने रिपोर्ट दी है कि पीक ऑवर (सुबह-शाम) में कमी जीरो है, राज्य ने ये भी बताया कि दिनभर में 20 मिलियन की शार्टफॉल थी।

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