गायों का झुण्ड, सफाचट कर रहीं फसलें

Update: 2016-01-29 05:30 GMT
गाँव कनेक्शन

लखनऊ। गाय जिसे ग्रामीण किसानों की जीवनदायनी कहा जाता है, जो किसानों की आस्था का प्रतीक है। वही गाय आज किसानों के लिए समस्या बन चुकी है।

जिला मुख्यालय लखनऊ से 45 किमी दूर माल ब्लाक के गाँव, रानीपरा, नारायनपुर, हरिहरपुर, चुकंडिया पीरनगर, रामनगर, गुमसेना, दनौर, धनोरा समेत दर्जनों ऐसे गाँव है जहा के किसान गाय, सांड, व बछड़ो के झुण्ड की वजह से परेशान है कड़ाके की ठंड होने के बावजूद फसल को बचाने के लिए किसान रातों में खेतों में पहरा दे रहे हैं

आवारा गायों के झुण्ड किसानों की फसलें खा कर तो कुछ पैरो से रौंदकर बर्बाद कर रहे है। इस झुण्ड से फसल को बचाने के लिए किसान रात रात भर जाग कर खेतों पर पहरा देने को मजबूर हो गए हैं। बावजूद इसके एक खेत से भगाने पर गायों का झुण्ड दूसरे खेतों में प्रवेश कर जा रहे हैं। किसानों ने कई बार वन विभाग के अधिकारियों से छुटकारा पाने के लिए बात की लेकिन विभाग मौन साधे हुए है। झुण्ड में बीस से तीस गाय, बछड़े, और सांड रहते हैं यह झुण्ड गाँव के जिन खेतों में जाता है, उधर की सारी फसल को चट कर जाता है

रानीपरा के किसान जुगराज सिंह (60) बताते है,पहले जो गाय दूध देना बंद कर देती थी और बच्चा देने की स्थिति में नहीं होती थी उन गायों को गाय मालिक बाजार में (कसाई) को  बेच देते थे लेकिन जब से गायों की बिक्री में प्रतिबंध लगा है तब से ऐसी गायों को वो लोग छोड़ देते है। ऐसी गायों की सख्या लगातार बढ़ती ही जा रही है। ये समस्या अधिकांश जिलों में है लेकिन यहां पर फसल का सीमित क्षेत्र होने ही वजह से गायों के झुण्ड से किसानों को नुकसान ज्यादा हो रहा है

नारायनपुर के किसान कंपोटर (40वर्ष) बताते हैं, "आवारा गायों ने हमारी आधी फसल बर्बाद कर दी। गाय और साड़ के झुण्ड के डर से गाँव के किसान रात में भी खेतों की रखवाली कर रहे हैं गायों का झुण्ड जिस किसान के खेत में पहुचता है उसकी फसल को नष्ट कर देता है।"

गुमसेना के पप्पू (45वर्ष) ने बताया, "गायों के आतंक से परेशान होकर ग्रामीण किसानों ने सभी आवारा गायों और सांडो को गाँव से बाहर वनविभाग की तरफ छोड़ आए थे। लेकिन दूसरे दिन फिर सभी जनवार वापस खेतों में चरते दिखे। यदि ऐसे ही रहा तो फसल तैयार करना बहुत मुश्किल हो जाएगा।"

रानीपरा क्षेत्र पंचायत सदस्य (बिडीसी) गौरव सिंह बताते हैं, "आवारा गाय, बछड़े और सांड के झुण्ड की वजह से ग्रामीण किसानों को काफी समस्या हो रही है, जिसकी शिकायत मैंने पशुविभाग के अधिकारियों से की है। विभाग के अधिकारी ने जल्द समस्या का निराकरण करने का आश्वशन दिया है।"

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