सरकारी स्कूल के प्रधानाध्यापक ने खूबसूरत रंगों से सजा दी स्कूल की दीवारें

Update: 2020-06-20 06:37 GMT

कैमूर (बिहार)। इस समय जब कोरोना संक्रमण से बचने के लिए लोग घरों में सुरक्षित रहना चाहते हैं, वहीं कुछ ऐसे भी लोग है जो अपनी नौकरी के साथ ही खाली समय का भी सदुपयोग भी अच्छी तरह से कर रहे हैं।

बिहार के कैमूर जिले के रामगढ़ ब्लॉक के डहरक मिडिल स्कूल के प्रधानाध्यापक हरिदास शर्मा भी अपनी नौकरी के साथ ही कुछ अलग करने में लगे हैं। उन्होंने स्कूल की दीवारों को सुंदर रंगों से रंगना शुरू कर दिया है। अभी कोरोना के चलते स्कूल बंद हैं, लेकिन ये नियमित स्कूल के चारदीवारियों पर सुन्दर चित्रों से सजा रहे हैं। आप जब इनके स्कूल में प्रवेश करेंगे तो ये दीवारों पर चित्र बनाते नजर आएंगे। चित्र भी ऐसा वैसा नहीं बल्कि वैसे चित्र जिससे बच्चों की पढ़ाई के काम आ सके।

हरिदास बताते हैं, "कोविड-19 के के चलते जब पूर्णरूप से लॉकडाउन लगाया गया था। उस समय हमारे स्कूल को आईसोलेशन सेन्टर बनाया गया था। उस समय मेरी ड्यूटी विद्यालय में ही लगी थी। ड्यूटी के दौरान जो खाली समय बचता था। उसमें मैंने दीवारों पर चित्र बनाने के बारे में सोचा। उसके बाद मैंने अपना पैसा लगाकर पेंट और ब्रश खरीदा और काम शुरू किया स्कूल के दीवारों को सजाने का। अब तक मैंने सूर्य ग्रहण, चन्द्र ग्रहण, गणित से जुड़ी ड्राइंग बनाई है। इसके अलावा घर पर भी बच्चों को आर्ट बनाने के लिए इस लॉकडाउन में प्रेरित किया और वह भी रुचि ले रहे है। इसके साथ हीं पेड़ पौधे भी लगाने का काम करता हूं।"

आज जिस तरह से हरिदास शर्मा लोकडाउन में खाली समय में समय का उपयोग करते हुए आर्ट की शिक्षा को सफल रूप दे रहें है। वैसे इनकी पढ़ाई आर्ट के क्षेत्र में नहीं हुई है। उसके बावजूद भी चित्र बनाने की हुनर और बारीकी मानों कोई अनुभवी चित्रकार हो। जिन दीवारों पर सरकारी पैसे से चित्र बनना चाहिए। वह शिक्षक अपने पैसे से चित्र बनाने का कार्य कर रहे है। इनके इस कला के लिए कई बार पुरस्कृत भी किया जा चुका है। 

ये भी पढ़ें: लॉकडाउन में दिखा कमाल का जुनून, दो महीनों में एक शिक्षक ने वर्ली लोक कला से सजाईं घर की दीवारें

ये भी पढ़ें: इनसे सीखिए लॉकडाउन का सदुपयोग, तीन भाइयों ने मिलकर आंगन में खोद दिया कुआं

Full View





Similar News