राकेश टिकैत का इंटरव्यू- संघर्ष विराम हो चुका है, अब समाधान चाहिए, एमएसएपी कानून चाहिए

कृषि कानूनों की वापस के ऐलान के बाद किसान बॉर्डर से क्यों नहीं गए? राकेश टिकैत ने आंदोलन खत्म करने के लिए क्या शर्तें लगाई हैं? 29 नवंबर को दिल्ली में क्या होगा? ऐसे कई मुद्दों को लेकर राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) का इंटरव्यू

Update: 2021-11-23 14:01 GMT

गाजीपुर बॉर्डर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान करते हुए कहा कि किसानों को अब अपने खेतों और घरों को लौट जाना चाहिए। लेकिन किसानों ने सिर्फ वादे पर लौटने से इनकार कर दिया। किसानों ने अब 29 नवंबर से शुरु हो रहे संसद सत्र के दौरान ट्रैक्टर रैली निकालने का ऐलान किया है ताकि एमएसपी कानून को लेकर सरकार पर दबाव बनाया जा सके। 

किसानों की आगे की रणनीति क्या है?, एमएसपी कानून को लेकर किसान संगठनों का एजेंडा क्या है?   गांव कनेक्शन से इस सब मुद्दों को लेकर खास बात में संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) के अहम सदस्य और भारतीय किसान यूनियन (BKU) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि संघर्ष विराम हो चुका है, अब सरकार को समाधान की तरफ बढ़ना चाहिए। सरकार संसद में कानून वापस ले, न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानून बनाने के लिए आगे बढ़े, जो एमएसपी (MSP) पर समिति बनाने की बात है उसका खुलासा करे। किसानों के साथ टेबल टाक शुरु होना चाहिए, जब तक ये मांगे पूरी नहीं होगी किसान घर नहीं जाएंगे। खबर अंग्रेजी में यहां पढ़ें

गांव कनेक्शन- कृषि कानूनों के खिलाफ लड़ाई किसान कहां तक जीते हैं?

राकेश टिकैत: अभी सरकार ने तीन कानूनों को वापस लेने की बात की है। अगला है कि एमएमपी पर गारंटी कानून बने। आंदोलन के दौरान जो किसानों पर मुकदमें दर्ज हुए हैं। मुकदमों की वापसी हो। जिन किसानों की शहादत हुई है, जो 750 किसान हैं, उनके बारे में सरकार के क्या विचार हैं? ये सब सवाल अभी हैं।

गांव कनेक्शन- तो मुख्य मुद्दा एमएसपी है? उन्होंने (पीएम) ने एक समिति बनाने की बात कही है

राकेश टिकैत- हम कह रहे हैं कि पहले इस पर बात हो, ये बातचीत का हिस्सा हो। टेबल टॉक अब शुरु हो। संघर्ष विराम अब हो चुका है। संघर्ष से समाधान की तरफ अब रास्ते जा रहे हैं। तो समाधान की तरफ सरकारों को सोचना चाहिए।


गांव कनेक्शन- एमएसपी को लेकर सरकार समिति बना रही है?

राकेश टिकैत- तो समिति बनाए ना, उस समिति में हम भी तो बैठेंगे। देखें तो कौन सी समिति होगी, कब बनेगी कौन सी बात करेगी। बनाओ समिति, या कहीं किराए पर आएगी, बैठकर बातचीत शुरु करो। इन किसानों को भी घर का रास्ता बताओ, हम तो एक साल में घर का रास्ता भी भूल गए। बैठाकर कहीं कुछ बताओ तो कि रास्ता, इधर को जाएगा, इधर से जाएगा।

गांव कनेक्शन- देश में 23 फसलों पर एमएसपी की घोषणा होती है लेकिन मुख्यतया: धान-गेहूं की खरीद होती है, एमएसपी को लेकर किसान संगठनों का एजेंडा तय है क्या?

राकेश टिकैत- सारे एजेंडे सब तय हैं। अब सरकारों से बातचीत शुरु हो तो ये उसका हिस्सा होगा। उनको (किसानों) को लाभकारी मूल्य कैसे मिलेगा?, वो तो भारत सरकार के साथ बैठकर तय होगा।

गांव कनेक्शन- पीएम ने अपनी बातों में जैविक, जीरो बजट खेती (सुभाष पालेकर पद्धति) का भी जिक्र किया।

राकेश टिकैत- जीरो बजट, जैविक खेती की मार्केटिंग कहां है? उसका प्रमोशन कैसे करेंगे? प्लान रुट क्या है? 2022 तक आपने आमदनी दोगुनी की बात की थी उसका प्लान क्या है, तो बैठकर टेबल पर बात करो।

गांव कनेक्शन- लोग कहते हैं, जो टिक गया वो टिकैत। एक किसान नेता के रुप में खुद को कहां देखते हैं?

राकेश टिकैत- हम किसान ही हैं, कोई लीडर नहीं। जैसे दूसरे किसान हैं। जैसे दूसरे किसानों को खेती में नुकसान हो रहा है, वैसे मुझे भी हो रहा है। ये तो सारे टिके हुए टिकैत हैं। पूरा आंदोलन टिका है तो सभी टिकैत हैं, सबका सहयोग है। संयुक्त मोर्चा सब इकट्ठा है। किसी झंड़े का महत्व नहीं है। सबका सहयोग रहा है।

गांव कनेक्शन- ऐसा नहीं है कि भारत में इससे पहले कोई किसान आंदोलन नहीं हुआ, आपके पिता ने भी लंबी लड़ाई लड़ी है, लेकिन किसान संगठन कभी इस तरह एक झंडे के नीचे नहीं आए। क्या आप लोग (संयुक्त किसान मोर्चा) में जो 400-450 किसान संगठन होने की बात करते हैं क्या उनकी 3-4 प्रमुख मांगों पर सहमति है?

राकेश टिकैत- ये आंदोलन मुख्य रुप से 3-4 चीजों पर रहा। ये आंदोलन 3 कृषि कानूनों पर है, ये आंदोलन एमएसपी पर है। ये आंदोलन सीड बिल और दूसरे ऐसे बिलों के खिलाफ है। और एक जगह (संयुक्त रुप ) होकर बातचीत करने के लिए है।

गांव कनेक्शन- पीएम मोदी को रिफॉर्मर प्रधानमंत्री हैं। वो कड़े फैसले लेने के लिए जाने जाते हैं, अपने फैसलों पर के लिए खड़े रहते हैं। आपको क्या लगता है कृषि कानूनों की वापसी के पीछे क्या कुछ हुआ होगा?

राकेश टिकैत- जो कुछ हो गया हो गया, कैसे हो गया उस पर क्यों कर रहे। हमारा काम जो था वो संघर्ष से समाधान की तरफ जाना शुरु हो गया है तो जा लेन दो।

गांव कनेक्शन- तो उनके फैसले का स्वागत है

राकेश टिकैत- जो जितना काम करेगा, उतना उसको मेहनताना मिलेगा, ठीक काम किया है उन्होंने।

गांव कनेक्शन- आने वाले दिनों में यूपी-पंजाब समेत कई राज्यों में विधानसभा चुनाव हैं। कृषि कानूनों की वापसी और एमएसपी पर वादे के अनुसार समिति बनाने के बाद क्या किसानों की नाराजगी कुछ कम होगी?

राकेश टिकैत- अभी देखने तो दो ये क्या काम काम करते हैं, काम के आधार पर ही वोट मिलते हैं।

राकेश टिकैत का ये इंटरव्यू अंग्रेजी में यहां पढ़ें

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