जब एक पीएचडी कर रही छात्रा साल 1995 में अमेरिका से सीधे ऋषिकेश पहुंची और गंगा किनारे बसने का मन बनाया, तो उसके घर में हड़कंप मच गया। मां ने कहा कि बेटी को किडनैप कर लिया गया, किसी ने कहा कि ड्रग दिया जा रहा है, पुलिस ले जाकर छुड़ाएंगे। लेकिन उस लड़की का मन पक्का था, उसने फैसला ले लिया था यहीं गंगा किनारे ऋषिकेश में बसने का। परमार्थ निकेतन में स्वामी चिदानंद सरस्वती के सानिध्य में लोगों की सेवा के आगे साध्वी भगवती सरस्वती को अमेरिका की जिंदगी फीकी लगी। क्या है उनके इस अनोखे सफर की कहानी गाँव कनेक्शन को खुद बताई साध्वी भगवती सरस्वती ने-