गद्दार मैं नहीं मायावती खुद हैंः स्वामी प्रसाद मौर्य

Update: 2016-06-25 05:30 GMT
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लखनऊ (भाषा)। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) मुखिया मायावती ने हाल में पार्टी छोड़ने वाले वरिष्ठ नेता स्वामी प्रसाद मौर्य को बसपा और अपने समाज के प्रति गद्दार करार दिया था। वहीं मौर्य ने भी पलटवार किया और कहा कि बसपा प्रमुख ने अम्बेडकर और कांशीराम के मिशन के साथ गद्दारी की है।

मौर्य ने मायावती के गम्भीर आरोपों का करारा जवाब देते हुए कहा कि बाबा साहब डाक्टर भीमराव अम्बेडकर और बसपा संस्थापक कांशीराम के मिशन के साथ गद्दारी और उसकी हत्या करने वाली मायावती विभिन्न चुनावों के लिये पार्टी का टिकट मांगने वाले लोगों से लिये गये धन का ब्यौरा देने के लिये एक श्वेतपत्र जारी करें।

मौर्य ने दावा किया कि वह मायावती को राजनीति करना सिखा देंगे और उन्हें घुटने टेकने को मजबूर कर देंगे। उनके इस्तीफे से बसपा मुखिया इतनी घबरा गयी हैं कि वह निकाले गये कुछ विधायकों को पार्टी में वापस बुलाकर उनका टिकट बहाल कर रही हैं। मौर्य ने बुधवार को मायावती पर विधानसभा चुनाव के टिकट बेचने समेत कई गम्भीर आरोप लगाते हुए बसपा छोड़ने का ऐलान किया था। मौर्य ने कहा, ‘‘अगर मायावती ने बोलना सीखा होता तो बसपा की यह दुर्दशा नहीं होती। उन्होंने उन्हें जो गद्दार की उपाधि दी है, वह दरअसल खुद मायावती की ही है।''

उन्होंने कहा कि मायावती ने उन पर अपने बेटे और बेटी के लिये चुनाव का टिकट मांगने का आरोप लगाया है। अगर मांगना ही होता तो वह अपनी बेटी के लिये कोई सुरक्षित सीट मांगते। उसे सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव के खिलाफ मैनपुरी से चुनाव ना लड़वाते।

मौर्य ने दावा किया, ‘‘बसपा में सुरक्षित सीटों के टिकट के लिये भी डेढ़ से दो करोड़ रुपए उगाहे जाते हैं और टिकटों का रेट डेढ़ से 10 करोड़ रुपए तक होता है। मायावती अगर श्वेत पत्र जारी नहीं करेंगी तो वह उनके खिलाफ एक-एक करके खुलासा करेंगे। मेरे इस्तीफे से मायावती टूट चुकी हैं।'' उन्होंने कहा कि अयोध्या में रहना है तो राम-राम कहना है, की तर्ज पर अपने नेता के बचाव में उनके सम्मान में अनचाहे हमें ना चाहते हुए भी उनके (मायावती) पक्ष में बयान देना पड़ता था।''

उन्होंने दावा किया, ‘‘आज मायावती ने जो भी कहा वह ‘खिसियानी बिल्ली खम्बा नोचे वाली' बात है। मायावती लड़ाई से कोसों दूर हो गयी हैं। यह उनकी हताशा है। मायावती इससे पहले कभी घबरायी नहीं, इसलिये इस बार एक नहीं बार-बार प्रेस के पास आ रही हैं। आज पहली बार उन्हें किसी राजनेता से पंगा लेना महंगा पड़ रहा है। अब या तो लाइन पर आ जाएंगी या राजनीति करना छोड़ देंगी।''

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