जीएसटी की रक्षाबंधन पर मार, ब्रांडेड राखी और मिठाईयों पर देना होगा टैक्स

Update: 2017-08-05 15:18 GMT
सिल्वर व गोल्ड की राखियों पर 5 प्रतिशत जीएसटी।

लखनऊ। रक्षाबंधन की तैयारियां शुरू हो गई हैं वहीं इस बार जीएसटी की मार भाईयों की राखी और मिठाईयों पर भी असर डालेगी। हर बार की तरह बहनें भाईयों को मन भरकर मिठाई खिलाने से कतरा सकती है क्योंकि खोया, मावा वाली मिठाइयों पर 5% GST लगेगा।

कपास के धागे से बनाई गई राखियों पर जीएसटी नहीं लगेगा लेकिन अगर आप अपने भाई को ब्रांडेड, गोल्ड और सिल्वर से बनी राखी बांधने का मन बना रही हैं तो हम बता दें कि उसपर भी 5% जीएसटी लगाया जाएगा। वित्त मंत्रालय ने कहा कि कलावा सहित पूजा सामग्री पर जीएसटी नहीं लगेगा और कलावा के रूप वाली राखी पर भी यही छूट दी जाएगी।

मंत्रालय ने कहा कि बनाने में इस्तेमाल सामग्री के आधार पर राखी का वर्गीकरण होगा और उसी के मुताबिक उस पर जीएसटी लगेगा। सेंट्रल बोर्ड ऑफ एक्साइज एंड कस्टम्स ने इंडस्ट्री और पब्लिक की ओर से उठाए गए सवालों के जवाब में ये स्पष्टीकरण जारी किए। उसने यह भी स्पष्ट किया कि लोकप्रिय बंगाली मिठाई संदेश पर 5% जीएसटी लगेगा, चाहे उसमें चॉकलेट हो या न हो। नमकीन, भुजिया, राधाबल्लवी (भरवा कचौरी), सादी कचौड़ी पर 12 फीसदी जीएसटी लगेगा। जिन मिठाइयों पर केसर या चांदी का वर्क होगा वो 18 से 20 फीसदी जीएसटी के दायरे में होंगी। सीबीईसी ने अपने ट्वीट के जरिए कई और चीजों पर लगने वाले जीएसटी पर स्थिति साफ की है।

स्पेशल मिठाईयों पर जीएसटी की मार।

लखनऊ के छप्पन भोग मिठाई के विक्रेता प्रसून कुमार बताते हैं, जीएसटी का असर ये है कि लोग अब जागरूक हो रहे हैं वो पूछते जरूर हैं कि कितना टैक्स लगा है, बिल कितने का बना है। बाकी मिठाईयों को सजाने के लिए उस पर ड्राईफ्रूट्स डाले जाते हैं, काजू, बादाम, किशमिश जो बाहर से मंगाए जा रहे हैं उसपर 14 फीसदी टैक्स है। त्यौहार का मौसम है तो लोग मिठाईयां तो ले ही रहे हैं भले 1 किलो की जगह आधा लें।

बाजार में आई जीएसटी वाली राखी

बाजारों मे राखी की दुकानें सजी हैं। कपास के धागे की सिंपल राखियों पर कोई टैक्स नपहीं है लेकिन ब्रांडेड और सोने-चांदी की राखियों पर 5 फीसदी जीएसटी देना होगा। वहीं जीएसटी का हवाला देते हुए दुकानदार जीएसटी वाली राखी बेंच रहे हैं। लखनऊ के कपूरथला स्थित गिफ्ट गैलरी पर राखियां के रेट 150 से शुरू हैं। विक्रेता विजेन्द्र सिंह मुस्कुराते हुए बताते हैं, "ये जीएसटी वाली राखी है इसलिए मंहगी है। इस बार की त्यौहार कुछ खास मनाइए।"

CBEC ने एक ट्वीट के जरिए बताया है कि अन्य किसी राखी को निर्माण सामग्रियों के आधार पर वर्गीकृत किया जाएगा। निर्माण सामग्रियों के मुताबिक उन पर GST लागू होगा।

बाजार में नहीं दिख रही चाइनीज राखी

भारत-चीन के आपसी मतभेत के चलते जहां सोशल मीडिया पर तरह तरह के वीडियो और जोक्स आ रहे हैं वहीं दूसरी तरफ बीते साल की अपेक्षा इस साल बाजार में चाइनीज राखियां भी गायब हो गईं हैं। भूतनाथ पर राखी की विक्रेता अमित बताते हैं, इस बार माल मंगाया भी नहीं गया और कोई भी ग्राहक चाइनीज राखी मांग भी नहीं रहा। पुराना कुछ स्टॉक पड़ा था लेकिन वो भी नहीं बिक रहा।

चाइनीज राखी बाजार से गायब।

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