नई दिल्ली (भाषा)। आमतौर पर मेट्रो शहरों का जीवन भागदौड़ भरा होता है। लोग अपने मुकाम हासिल करने की वजह से अपने खानपान का बिल्कुल भी ध्यान नहीं रखते हैं और जो मिल जाता है वो खा लेते हैं, लेकिन लोगों की प्रवृति उन्हें उच्च रक्तचाप का शिकार बना रही है।
एक नए अध्ययन के मुताबिक, दिल्ली के 25 से 35 वर्ष के जो लोग अक्सर बाहर खाना खाते हैं और ज्यादा शारीरिक कसरत नहीं करते हैं, उनमें उच्च रक्तचाप की शिकायत देखी गई है,लेकिन चिंता की बात यह है कि उन्हें इसके लक्षणो के बारे में जानकारी ही नहीं है। 17 मई को विश्व रक्तचाप दिवस पर इंडस हेल्थ प्लस द्वारा जारी किए गए अध्ययन में यह बताया गया है कि खुद को सबसे ज्यादा स्मार्ट समझने वाले राजधानी के 22 प्रतिशत लोगों को उच्च रक्तचाप के लक्षणों के बारे में ही जानकारी नहीं है। प्रीवेंटिव हेल्थकेयर स्पेशलिस्ट, इंडस हेल्थ प्लस के अमोल नायकवाड़ी ने बताया, ‘‘ उच्च रक्त चाप के मामले महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों (35-40 वर्ष) में अधिक देखने में आए हैं। यह केवल वयस्कों में ही प्रचलित नहीं है, बल्कि 20-25 साल के युवाओं को भी प्रभावित कर रहा है।’’
अध्यन में यह पाया गया कि जो लोग आरामतलबी भरी जीवन शैली अपनाते हैं और नहीं के बराबर शारीरिक श्रम करते हैं, उनमें उच्च रक्त चाप का उच्चस्तरीय खतरा रहता है। अगर इसका वक्त पर इलाज नहीं किया जाता, तो इससे हृदय रोग, गुर्दे की खराबी और कई अंगों के खराब होने की आशंका हो सकती है।
“आठ प्रतिशत कामकाजी लोग मधुमेह से पीडि़त हैं और उनमें उच्च रक्तचाप का जोखिम अधिक है। सात से 10 प्रतिशत युवाओं में रक्त चाप का उच्च स्तरीय खतरा है और किशोरों में व्यायाम के अभाव और इनडोर गेम्स के प्रचलन के कारण चार से पांच प्रतिशत मामले बढ़े हैं।’’अमोल नायकवाड़ी ने बताया।
80 प्रतिशत लोग फल और सब्जियों की जरुरी मात्रा का सेवन नहीं करते हैं, जो पोटैशियम के अच्छे साधन हैं और रक्त चाप पर सोडियम के प्रभाव को कम कर सकते हैं।
जंक फूड का सेवन बढ़ा रहा खतरा
इंडस हेल्थ प्लस ने यह अध्ययन जनवरी 2015 से अप्रैल 2016 तक किया,जिसमें 24,642 लोगों के नमूनों की जांच की गई। इनमें 13917 पुरुष और 9228 महिलाएं हैं। अध्ययन में यह बात भी सामने आई है कि 20 प्रतिशत से अधिक युवा जंक फूड पर अधिक निर्भर करने लगे हैं, जिसके कारण उनमें मोटापा बढ़ने लगा है,जिसका असर उच्च रक्त चाप के रुप में देखने को मिल रहा है।