हार्दिक पटेल की ज़मानत याचिका खारिज

Update: 2016-03-15 05:30 GMT
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सूरत (भाषा)। सूरत की एक अदालत ने पाटीदार आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल की ज़मानत याचिका खारिज कर दी। उनके खिलाफ आंदोलन के दौरान देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किया गया था। प्रमुख सत्र न्यायाधीश गीता गोपी की अदालत ने पुलिस की ओर से पेश किए गए और देशद्रोह के मामले में उनके खिलाफ दायर आरोप पत्र में शामिल ठोस सबूतों का ब्यौरा लिया।

हार्दिक फिलहाल सूरत की लाजपुर जेल में देशद्रोह के आरोप में बंद हैं। अदालत ने पुलिस की ओर से दर्ज दो शिकायतों का ज़िक्र किया है। ये प्राथमिकी जेल में 'अनाधिकृत वस्तुएं' कथित तौर पर हासिल करने, लाने या हटाने को लेकर कारागार अधिनियम-43, 44 और 45 तहत मामला दर्ज किया गया था। सूरत डीसीबी पुलिस ने 11 मार्च को अदालत के सामने अतिरिक्त शपथ पत्र दायर करके कहा था कि पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति 18 फरवरी की उस घटना के पीछे थी, जिसमें भीड़ ने एक सरकारी बस को आग के हवाले कर दिया था। हार्दिक के वकील यशवंत सिंह ने कहा कि उनके मुवक्किल नई ज़मानत याचिका के साथ सुप्रीम कोर्ट में अपील करेंगे।

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