हिंसक जानवरों पर अधिसूचनाएं एकपक्षीयः पशु कल्याण बोर्ड

Update: 2016-06-20 05:30 GMT
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नई दिल्ली (भाषा)। नीलगाय, बंदर और जंगली सुअर को हिंसक जानवर घोषित करने वाली तीन अधिसूचनाओं के संबंध में उच्चतम न्यायालय ने आज पशु अधिकार संगठनों को केंद्र के समक्ष अभ्यावेदन पेश करने के लिए कहा है जबकि बोर्ड ने इन अधिसूचनाओं को एकतरफा फैसला करार दिया है।

पशु कल्याण संबंधी कानूनों पर वैधानिक परामर्शदाता निकाय की भूमिका निभाने वाले पशु कल्याण बोर्ड ने पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचनाओं पर सवाल उठाया है। इन अधिसूचनाओं के माध्यम से नीलगाय, बंदर और जंगली सुअर को एक साल के लिए बिहार, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में हिंसक जानवर घोषित किया गया है।

देश में पशु कल्याण को बढ़ावा देने वाले बोर्ड की ओर से न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल और न्यायमूर्ति एएम खानविलकर की अवकाश पीठ के समक्ष पेश अधिवक्ता ने कहा, ‘‘यहां एक पक्ष वाली बात है। हमने वीडियो देखा है। मंत्रालय ऐसा कैसे कर सकता है। पशुओं के प्रति करुणा भाव होना चाहिए।'' बहरहाल, सॉलीसिटर जनरल रंजीत कुमार ने कहा कि बोर्ड ने इन अधिसूचनाओं को चुनौती नहीं दी है।

पीठ ने कहा कि जब मुख्य मामले की सुनवाई होगी तब वह बोर्ड के तर्कों को सुनेगी। याचिकाओं पर नोटिस जारी करने से इंकार करते हुए पीठ ने केंद्र से अभ्यावेदनों पर दो सप्ताह के अंदर विचार करने तथा जरुरी होने पर समुचित कदम उठाने के लिए कहा है।सुनवाई के दौरान पीठ ने याचिकाकर्ताओं से इस बारे में कई सवाल पूछे कि क्या इन अधिसूचनाओं में वन क्षेत्रों के बारे में खास तौर पर कहा गया है।

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