गुडगांव (भाषा)। हरियाणा सरकार द्वारा जाट आंदोलन के दौरान हुई हिंसक घटनाओं की जांच के लिए गठित दो सदस्यीय जाट आंदोलन जांच आयोग ने आज कहा कि उनके पास किसी भी घटना के बारे में स्वत: संज्ञान लेने का अधिकार नहीं है, वह केवल किसी शिकायत के आधार पर ही जांच कर सकते हैं। फरवरी में आरक्षण की मांग को लेकर जाटों ने आंदोलन किया था।
जम्मू और कश्मीर उच्च न्यायालय और राजस्थान उच्च न्यायालय के पूर्व चीफ जस्टिस, न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) एसएन झा ने कहा, ‘‘हम कोई स्वतंत्र जांच आयोग नहीं हैं हमें दिशा-निर्देशों के आधार पर ही काम करना होगा।'' आयोग की अगुवाई एसएन झा ही करते हैं।
झा ने कहा, ‘‘हम किसी भी घटना की जांच करने के लिए सीमा पार नहीं करेंगे। जाट आरक्षण मामले में आयोग के पास स्वत: संज्ञान लेने का कोई अधिकार नहीं है।'' उन्होंने कहा कि आयोग केवल औपचारिक शिकायतों की ही जांच करेगा। आयोग की पहली बैठक 17 जुलाई को होगी।