ई-मंडी खोलेगी यूपी के किसानों की किस्मत

Update: 2016-04-09 05:30 GMT
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कानपुर। जितनी लागत से किसान फसल तैयार करता है, उतना फायदा उसे कभी नहीं मिलता। बिचौलिए और व्यापारी मिलकर उसकी मेहनत बेकार कर देते है, लिहाजा हर किसान के लिए खेती घाटे का सौदा साबित हो रही है। ज्यादातर किसान तो अब खेती से मुंह मोड़ने लगे हैं। इस समस्या को केंद्र सरकार ठीक करने के लिए उत्तर प्रदेश में ऑनलाइन कृषि मंडी खुलवा रही है। जिससे किसानों को सीधा फायदा मिलेगा।

आनलाइन कृषि उत्पादों के व्यापार को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार उत्तर प्रदेश के जिलों में ई-मंडी के लिए प्लेटफार्म तैयार किया जा रहा है। इसमें प्रदेश की 30 बड़ी मंडियों को ऑनलाइन किया जा रहा है। कानपुर से चकरपुर मंडी का चयन कर लिया गया है। सभी बड़ी मंडियों को एग्रीटेक अवसंरचना निधि के तहत एक वेब पोर्टल तैयार किया जा रहा है। यह पोर्टल तैयार होने से किसान को आसानी से पता चलेगा कि किस मंडी में कृषि उत्पादों के क्या भाव चल रहे हैए वह उस मंडी में जाकर अपने उत्पादों को मनचाहे रेट पर बेच सकता है।

कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रलय ने कृषि उत्पादों को आनलाइन व्यापार के लिए बढ़ावा देने के लिए इस योजना की शुरुआत की। अब इससे बिचौलियों की भूमिका समाप्त हो जाएगी और किसानों के हितों की रक्षा पारदर्शी होगी। पारदर्शी बोली प्रक्रियाएं होंगी और वास्तविक मूल्य वसूली जा सकेगी। आनलाइन भुगतान की भी सहूलियत मिलेगी। इस बीच उपभोक्ताओं को गुणवत्तापरक उत्पाद के लिए और अधिक उचित मूल्य सुनिश्चित होंगे। मंडी के सचिव संतोष यादव ने बताया, "चकरपुर मंडी को वेब पोर्टल में शामिल किया जाएगा। इसके अलावा सूबे की बाकी मंडियों को भी इससे जोड़ने की प्रक्रिया चल रही है, अभी विस्तृत गाइड लाइन आनी बाकी है। जल्द ही इस नई योजना के तहत बिचौलिए खत्म होंगे।"

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