लखनऊ। कुक्कुट पालन के लिए रोज़ाना हज़ारों चूज़े लखनऊ लाए जाते हैं। लखनऊ लाने के बाद शारीरिक रूप से अक्षम चूजों की छंटनी होती है। जो चूज़े शारीरिक रूप से ठीक नहीं होते उन्हें लखनऊ के चारबाग स्टेशन पर पटरियों के करीब मरने के लिए छोड़ दिया जाता है। जहां चील और कौव्वे उन्हें अपना निवाला बनाते हैं।
कुछ चूज़े पटरी पर रेल गाड़ियों का शिकार भी हो जाते हैं। असल में इन चूज़ों को यूपी के अलग-अलग शहरों से लखनऊ लाया जाता है। लखनऊ लाने के दौरान सैकड़ों चूज़े या तो घायल हो जाते हैं या फिर चोट लगने की वजह से उनकी मौत हो जाती है।