इटली के साइकिलिस्ट को पछाड़ना चाहते हैं बाराबंकी के रामू

Update: 2016-05-29 05:30 GMT
गाँव कनेक्शन

लखनऊ। लक्ष्मीकांत उर्फ़ रामू को अपना रिकॉर्ड गिनीज़ बुक में दर्ज करने के लिए मीडिया का सहारा लेना पड़ रहा है।नॉन स्टॉप साइकिलिंग के रिकॉर्ड में अपना नाम गिनीज़ बुक में दर्ज कराने के बाद रामू अब स्टैटिक मैराथन साइकिलिंग में रिकॉर्ड बनाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

रामू ने शनिवार को हज़रतगंज स्थित गांधी प्रतिमा के सामने मीडिया से मुख़ातिब होते हुए मुख्यमंत्री तक अपनी बात पहुंचाने की कोशिश की। बाराबंकी के सिरौलिगोसपुर ब्लाक के खजुरिहा ग्राम निवासी लक्ष्मीकांत आजकल अपने नियमित अभ्यास के साथ-साथ उत्तर प्रदेश प्रशासन से मदद के लिए भी जद्दोजहद कर रहे हैं। 

रामू खेती करते हैं। अपने आर्थिक तंगी के कारण रिकॉर्ड बनाने में असमर्थ रामू ने प्रधानमंत्री कार्यालय में आर्थिक मदद की गुहार लगाई थी। पीएमओ ने फैजाबाद मंडल को आदेश दिया कि मामले को संज्ञान में लें और रामू को जरूरी मदद करें लेकिन महीनों बीतने के बाद भी फैजाबाद मंडल द्वारा रामू को कोई भी मदद नहीं पहुंचाई गई।

रामू कहते हैं कि फैजाबाद कमिश्नर से बात करने पर उन्होंने मुझसे बोला कि इस सम्बन्ध में मैं आपकी कोई मदद नहीं कर सकता और ऐसे  ही अगर लोग रिकॉर्ड बनाते रहेंगे तो सरकार कितने लोगों की मदद करेगी। रामू यही चाहते हैं कि उनकी बात मुख्यमंत्री जी तक पहुंचे। रामू आगे कहते हैं कि कई प्रयासों के बाद भी उन्हें मुख्यमंत्री से मिलने नहीं दिया जाता है जिसकी वजह से मुझे आज मीडिया से अपनी विनती करनी पड़ी। रामू को ये रिकॉर्ड बनाने के लिए एक ही जगह पर खड़ी साइकिल को 20 किमी प्रति घंटे के औसत से 280 घंटे से ज्यादा देर तक चलाना है। अभी ये रिकॉर्ड इटली के साइकिलिस्ट के पास दर्ज है। रामू को गिनीज़ बुक की तरफ से गाइडलाइन भी मिल गई है।

रिपोर्टर - आशुतोष वर्मा 

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