ज़्यादा दूध उत्पादन के लिए दें संतुलित आहार

Update: 2016-05-16 05:30 GMT
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बरेली। भरपूर पोषण के अभाव में पशुओं का विकास रुक जाता है और साथ में उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता में भी कमी आ जाती है। ऐसे में पशुपालकों को पशु आहार पर विशेष ध्यान देना चाहिए, ताकि पशु स्वस्थ रहें और उनका दूध उत्पादन प्रभावित न हो। 

पशुओं के लिए संतुलित आहार की महत्वत्ता बताते हुए बरेली के इज्ज़तनगर में स्थित भारतीय पशुचिकित्सा अनुसंधान संस्थान के पोषाहार विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ पुतान सिंह बताते हैं, “पशुओं को स्वस्थ्य रखने और उनकी उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए जरुरी है कि उनका आहार अच्छा हो। 

छोटे पशुपालक अपने पशुओं के आहार में कम ध्यान देते हैं और जो भी चारा और दाना उपलब्ध होता है उसे खाली दे देते हैं। इससे पशुओं की प्रजनन क्षमता पर असर पड़ता है और उनके उत्पादकता में भी कमी आती है।” 

वो आगे बताते हैं, “अगर पशुपालक दाना, खली, चोकर, खनिज लवण मिलाकर संतुलित आहार तैयार करके पशु को प्रतिदिन दें तो पशु के स्वास्थ्य और प्रजनन क्षमता में वृद्धि होती है। इसके साथ ही पशुओं के दूध उत्पादन में 20-25 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी होती है।”

सौ किलो संतुलित दाना बनाने की विधि

दाना (मक्का, जौ, गेंहू, बाजरा) इसकी मात्रा लगभग 35 प्रतिशत होनी चाहिए। बताए गए दाने मिलाकर 35 प्रतिशत हो या अकेला कोई एक ही प्रकार का दाना हो तो भी खुराक का 35 प्रतिशत दें।

  • खली(सरसों की खल, मूंगफली की खल, बिनौला की खल, अलसी की खल) की मात्रा लगभग 32 किलो होनी चाहिए। इनमें से कोई एक खली को दाने में मिला सकते हैं। 
  • चोकर(गेंहू का चोकर, चना की चूरी, दालों की चूरी, राइस ब्रेन,) की मात्रा लगभग 35 किलो।
  • खनिज लवण की मात्रा लगभग 2 किलो 
  • नमक लगभग एक किलो
  • इन सभी को लिखी हुई मात्रा के अनुसार मिलाकर अपने को पशु को खिला सकते हैं

दाना मिश्रण के गुण व लाभ

  • यह स्वादिष्ट व पौष्टिक है।
  • ज्यादा पाचक होता है।
  • अकेले खली, बिनौला या चने से यह सस्ता पड़ता है।
  • पशुओं का स्वास्थ्य ठीक रखता है।
  • बीमारी से बचने की क्षमता प्रदान करता है।
  • दूध व घी में भी बढ़ोत्तरी करता है।
  • भैंस ब्यांत नहीं मारती।
  • भैंस ज्यादा दूध देती है।

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