हैदराबाद (भाषा)। पूर्व पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश ने रविवार को कहा कि देश में आनुवांशिक संशोधन वाली (जीएम) सरसों के बारे में सारी जानकारी सार्वजनिक की जानी चाहिए और इसकी वाणिज्यिक खेती की अनुमति के बारे में कोई निर्णय करने से पहले इसकी बाकायदा जांच परख और परीक्षण होना चाहिए।
उन्होंने यहां कहा, ''सारी जानकारी सार्वजनिक होनी चाहिए।'' हालांकि उन्होंने खेद जताया कि भारतीय जैव प्रौद्योगिकी नियामक प्राधिकार का आज भी गठन नहीं हुआ है जबकि इसका प्रस्ताव बहुत साल पहले किया गया था। वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा, ''जो भी सूचना सामने आए उसकी पूरी जांच पड़ताल होनी चाहिए। जो भी परीक्षण किए जाने हैं वे पूरी स्वतंत्रता से किए जाए और उसके बाद ही कोई फैसला किया जाए कि जीएम सरसों की खेती की जानी है या नहीं।'' उल्लेखनीय है कि पर्यावरण मंत्रालय के अधीन आने वाले जीन अभियांत्रिकी मंजूरी समिति (जीईएसी) ने देश में जीएम सरसों की वाणिज्यिक खेती के बारे में अपना फैसला पिछले महीने टाल दिया।