यवतमाल (भाषा)। महाराष्ट्र में विदर्भ क्षेत्र के आदिवासी बाहुल्य यवतमाल पानी के विकट संकट का सामना कर रहा है और जिला प्रशासन ने संकट से निपटने के लिए सरकार के पास एक प्रस्ताव पेश किया है।
शहर और उससे लगे गाँवों में पीने के पानी की आपूर्ति करने वाला निलोना बांध और उसका जलाश्य सूख गया है, जिससे महाराष्ट्र जल आपूर्ति विभाग को शहर में पानी की आपूर्ति करने के अपने समय को पुनर्निधारित करना पड़ा है और अब लोगों को चार दिन में केवल एक बार पानी मिलता है।
जिला प्रशासन पेयजल मुद्दे खासकर गाँवों पर करीबी नज़र रख रहा है और उसने अब तक 27 टैंकर तैनात किये हैं। इसमें से 12 सरकारी है और 15 निजी एजेंसियों के हैं जिन्हें जिले के सूखा प्रभावित 34 से अधिक गाँवों में पानी मुहैया कराने के लिए तैनात किया गया है।
जिला क्लेक्टर सचिन्द्र प्रताप सिंह ने बताया कि उन्होंने यवतमाल में लोगों के सामने आ रही पेयजल की समस्याओं से निपटने के लिए राज्य सरकार को नौ करोड़ रुपये का एक प्रस्ताव दिया है। उन्होंने बताया कि यह राशि अभी तक नहीं मिली है।
सूत्रों ने बताया कि कमी की स्थिति के कारण रात में चोरी के डर से लोग अपने पानी भंडारित टैंकों को बंद करने को विवश हो रहे हैं। कुछ लोगों ने टैंको पर अपना नाम लिख दिया है ताकि अगर इसकी चोरी हो जाती है तो पता लगाया जा सके।
क्लेक्टर ने बताया कि जारी स्थिति को देखते हुये डैमों में संरक्षित पेयजल को नदियों में छोड़ा गया है ताकि भूजल स्तर में बढ़ोतरी हो सके।