शमशेर नगर (सीतापुर)। किसान सत्यनाम चर्तुवेदी (50 वर्ष) डीजल इंजन से सिंचाई कर धान की रोपाई कर रहे हैं, उनके गाँव के पास से गुजरने वाली माइनर में पिछले पांच वर्षों से पानी ही नहीं आ रहा है।
किसान सत्यनाम बताते हैं, “हमारे पास कुल मिलाकर 12 बीघा धान का खेत है। अभी धान में पानी लगाने का समय है, छिटपुट बारिश से थोड़ी राहत है पर बिना इंजन लगाए कोई काम नहीं चलता है। गाँव से एक छोटी माइनर गुज़रती है पर उसमें झाड़ियों के अलावा कुछ भी नहीं है। ऐसे में बाज़ार से डीजल खरीद के सिंचाई करवा रहे हैं।”
सत्यनाम चर्तुवेदी अकेले किसान नहीं हैं, उनके आस-पास के कई किसान हैं जिनके पास सिंचाई का कोई भी संसाधन न होने के कारण निजी संसाधनों की मदद से फसल सिंचाई करते हैं।
सीतापुर जिला मुख्यालय से 13 किमी दक्षिण-पश्चिम दिशा में शमशेर नगर क्षेत्र में माइनर में पानी ने आने से फसल सिंचाई के लिए जल संसाधनों की कमी से सिर्फ शमशेर नगर के किसान ही नहीं बल्कि रघवापुर, ग्वाडीह और बहादुरगंज के भी सैकड़ों गाँवों के किसान जूझ रहें हैं।
शमशेर नगर क्षेत्र में प्रशासन की तरफ से नहरों के निर्माण को लेकर जल विभाग कोई कवायद नहीं कर पा रहा है। जिला कृषि अधिकारी देवेंद्र सिंह बताते हैं,“इन गाँवों में सरकारी नलकूपों के निर्माण की कार्ययोजना बनाई जा रही है। जिलाधिकारी से मिल कर जल्द ही काम शुरू किया जाएगा।”
स्वयं वालेंटियर: अंशु चुर्तेवेदी
स्कूल: लालबहादुर शास्त्री माध्यमिक विद्यालय