डुमरियागंज (सिद्धार्थनगर)। एक सड़क से जब निकलना दूभर हो गया तब परेशान हाल लोगों ने विरोध का एक अनूठा तरीका निकाला। वे एक साथ जमा हुए और सड़क पर भरे पानी में ही धान रोपना शुरू कर दिया। उनका आरोप है कि प्रशासन के कान किसी भी तरह से खुलते हुए नजर नहीं आ रहे हैं। इसलिए हमको कुछ इस तरह से विरोध करना पड़ा।
सिद्धार्थनगर जिला मुख्यालय से लगभग 67 किमी दूर भनवापुर ब्लॉक के मन्नीजोत चौराहे पर जलभराव के कारण लोगों का घरों से निकलना मुश्किल हो गया है। इसको लेकर कई बार जनप्रतिनिधियों के साथ ही विभागीय अधिकारियों से भी शिकायत कर के जलनिकासी की व्यवस्था को दुरुस्त कराने की अपील की गई थी। लेकिन आज तक कोई भी ठोस कदम नहीं उठाया गया।
नाला अतिक्रमण का शिकार इसलिए जलभराव
89 लाख की लागत से सड़क के दोनों किनारे पर बना नाला अतिक्रमण का शिकार हो गया है। यहां दुकानदारों ने कब्जा जमा लिया है। जिससे जल निकासी की कोई व्यवस्था ही नहीं रह गई है। दिक्कत को लेकर लोगों की आवाज उठाने वाले संस्था जनकल्याण समिति के प्रबंधक सच्चिदानंद मिश्रा ने बताया कि, “करीब दो साल पहले मांगराव के भट्ठे से चौराहे के पास तक सड़क के दोनों तरफ 89 लाख रुपए की लागत से एक किलोमीटर नाले का निर्माण कराया गया था। जिसका कोई मतलब नहीं रह गया है।” वो आगे बताते हैं, “जहां ज्यादा बारिश हुई नाला डूब जाता है। वही नाला अगर चौराहे की आबादी में बना होता तो आज जलभराव की समस्या नहीं होती।”
मन्नीजोत चौराहे के रहने वाले दयानंद पाण्डेय (45 वर्ष) जल भराव से परेशान हो गए हैं। वो बताते हैं, “हर बारिश में यही होता है, घर से निकलना मुश्किल हो जाता है, इसके लिए कई बार अधिकारियों से भी कहा गया लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती है।”
स्वयं वालेंटियर: राकेश पांडेय
छात्र- रईस अहमद इण्टर कॉलेज
स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क