कब खुलेंगे प्रस्तावित आठ मेडिकल इंस्टीट‍्यूट?

Update: 2016-07-12 05:30 GMT
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लखनऊ। राजधानी के केजीएमयू में आठ मेडिकल इंस्टीट्यूट बनाए जाने थे। जिसके लिए केजीएमयू प्रशासन की ओर से शासन को लगभग सात महीने पहले प्रस्ताव भेज दिया गया था। वर्ष 2015 और 2016 के बजट में सरकार की ओर से चार इंस्टीट्यूट बनाने को लेकर हरी झंडी भी मिल गयी थी।

बजट आए हुए लगभग पांच महीने हो गए हैं, लेकिन अभी तक इस काम की कहीं से शुरुआत होती नहीं नजर आ रही है, जबकि इन मेडिकल इंस्टीट्यूट को बनाने का उद्द्येश्य यहां के विभागों का व्यापक विकास और एकरुपता प्रदान करना है।

बिस्तरों के लिहाज से यह एशिया का सबसे बड़ा चिकित्सा संस्थान केजीएमयू है। केजीएमयू के उप चिकित्सा अधीक्षक डॉ. वेद प्रकाश ने बताया, “केजीएमयू के चिकित्सकीय सेवाओं का व्यापक विकास करने के लिए आठ नये मेडिकल इंस्टीट्यूट की शुरुआत की जानी है। हर इंस्टीट्यूट का अलग हेड और अलग कार्यशैली होगी, लेकिन ये इंस्टीट्यूट केजीएमयू से संबद्ध रहेंगे। हमने आठ मेडिकल इंस्टीट्यूट खोलने की मंजूरी सरकार से मांगी थी, जिसमें से चार मेडिकल इंस्टीट्यूट खोलने की मंजूरी मिल गयी है। जल्द ही चार मेडिकल इंस्टीट्यूट के लिए काम शुरू हो जाएगा।” 

ये मेडिकल इंस्टीट्यूट बनने हैं

  • इंस्टीट्यूट ऑफ चाइल्ड एंड वूमन हेल्थ (बच्चों व महिलाओं संबंधित बीमारियां)
  • इंस्टीट्यूट ऑफ आर्थोपेडिक (हड्डी रोग)
  • इंस्टीट्यूट ऑफ आप्थोडमिक साइंस (आंख से सम्बन्धित बीमारियां)
  • इंस्टीट्यूट ऑफ पैथालॉजी (पैथालाजी जांच)
  • इंस्टीट्यूट ऑफ इमेजिंग टेक्नोसलॉजी (रेडियोलॉजी जांच)
  • इंस्टीट्यूट ऑफ सर्जिकल साइंस (सर्जरी)
  • इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (सामान्य उपचार) 
  • इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरो साइंस (मानसिक और न्यूरो से सम्बन्धित बीमारियां)

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