कभी भी ढह सकते हैं कन्नौज के ये प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूल

Update: 2016-08-02 05:30 GMT
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कन्नौज। जिले के कुछ प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूल भवन ऐसे भी हैं जो खाऊ-कमाऊ नीति के चलते समय से पहले जर्जर हो चुके हैं। इनके कभी भी ढहने का खतरा मंडरा रहा है, जिससे अनहोनी भी हो सकती है। 

तहसील तिर्वा के ब्लाक उमर्दा क्षेत्र के हरेईपुर गाँव स्थित प्राथमिक स्कूल का हाल बेहाल है। यहां मुख्य गेट के निकट बने तीन कमरे पूरी तरह से जर्जर हो चुके हैं। छतें दरक गई हैं। उनकी सरिया दिखने लगी है। बरसात में छतों से खूब पानी टपकता है। इनके अलावा रसोईघर की हालत भी खस्ता है। आंगनवाड़ी केंद्र में भी पानी भर जाता है। ग्रामीण सुरेश कुमार (40 वर्ष) का कहना है, "जब भवन व कक्षों का निर्माण कार्य चल रहा था तो उसमें मानकों का ध्यान नहीं रखा गया। अब यह कमरे पूरी तरह से बेकार साबित हो रहे हैं।

इनके कभी भी ढहने का खतरा यहां रहता है।" हालांकि यहां के हेडमास्टर दीपक कुमार का कहना है, "इन कमरों के जर्जर होने की वजह से वह कक्षों के अंदर कक्षाएं सचालित नहीं करते हैं। जो मुख्य भवन है, उसमें ही बैठकर बच्चे पढ़ते हैं। आंगनबाड़ी केंद्र भी सुरक्षित नहीं है। जब बरसात होती है तो छत से पानी गिरकर फर्श पर फैलता है।" सहायक अध्यापक विशाल कटियार का कहना है, "स्कूल में छोटे-बडे़ नौ कमरे हैं। इनमें दो ही सही हैं। उनके यहां चार्ज लेने से करीब 12 साल पहले कमरे बने थे। ऐसे भवन से खतरा भी रहता है।

एक बार तत्कालीन एबीएसए जेपी पाल निरीक्षण के दौरान आए थे, उस समय उन्होंने इस बाबत जांच की थी। बताया गया है कि भवन प्रभारी का निधन हो गया है, जिससे कार्रवाई नहीं हो सकी है।" एबीआरसी धर्मेंद्र यादव का कहना है, "यह भवन वर्ष 2000 के आस-पास बना था। अभी स्थिति की जानकारी नहीं है।"

रिपोर्टर- अजय मिश्रा

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