दलहनी फसलों को बढ़ावा देने के लिए बांटे जा रहे उन्नत बीज

Update: 2017-04-15 11:43 GMT
मौजूदा समय में किसानों को उड़द और मूंग के बीज दिए जा रहे हैं।

सुल्तानपुर। जिले में दलहनी फसलों को बढ़ावा देने के लिए कृषि विज्ञान केंद्र सुल्तानपुर की मदद से गाँवों में दलहनी फसलों के उन्नत बीज बांटे जा रहे हैं। पिछले सत्र में जहां गाँवों में किसानों को अरहर के बीज बांटे गए थे, वहीं मौजूदा समय में किसानों को उड़द और मूंग के बीज दिए जा रहे हैं।

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किसानों में दलहनी फसलों के प्रति रुझान बढ़ाने के इस प्रयास के बारे में एके सिंह कृषि वैज्ञानिक, कृषि विज्ञान केंद्र सुल्तानपुर बताते हैं, “हमने पिछले सत्र में दलहन की खेती को बढ़ावा देने के लिए वैनी और सखसुखपुर गाँवों के किसानों को अरहर के उन्नत बीज मुहैया करवाये हैं। आने वाले फसल चक्र में हमारी कोशिश यह रहेगी कि जिले में जिन क्षेत्रों में दलहनी फसलों की पैदावार कम है, वहां किसानों को उड़द और मूंग की फसलों के उन्नत बीज मुहैया करवाए जा सके।” जिला कृषि विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार इस वर्ष रबी में सुल्तानपुर जिले में 22,200 हेक्टेयर क्षेत्र में दलहनी फसलों की खेती की जा रही है।

जिले में दलहन की पैदावार बढ़ाने के लिए ब्लॉक लेवल पर किसानों को दाल के बीज बांटे जा रहे हैं। दाल की उन्नत खेती को जिले में बढ़ाने के लिए हम लगातार केवीके और कृषि अनुसंधानों की मदद लेकर किसानों को प्रशिक्षण भी दे रहे हैं।
विनय कुमार वर्मा, जिला कृषि अधिकारी  

पिछले वर्ष जिले में दलहनी फसलों का रकबा 15,220 था। सुल्तानपुर जिले में मुख्यरूप से अरहर, उड़द, चना, मूंग व मसूर दालों की खेती की जाती है। “कृषि विज्ञान केंद्र पर हम किसानों को दलहनी फसलों की आधुनिक खेती करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। इसमें हम जिले भर के 500 से अधिक किसानों को दालों की उन्नत खेती की विशेष ट्रेनिंग दे चुके हैं।’’ सुल्तानपुर जिले में मुख्य रूप से दलहनी की खेती लंभुआ, भदैयां, खरोदीकलां, दूबेपुर, कुड़वार और कूड़ेभार क्षेत्रों में होती है। जिले के मध्य से गोमती नदी गुज़रती है, यह नदी कुल मिलाकर जिले के 500 से ज़्यादा गाँवों को जोड़ती है। जिले में ज़्यादातर दाल उत्पादन वाले गाँव नदी किनारे के ही हैं।

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