घर-घर जाकर करेंगे पशुओं का कृत्रिम गर्भाधान

Update: 2017-04-07 20:34 GMT
पशुधन प्रसार अधिकारी घर-घर जाकर पशुओं का कृत्रिम गर्भाधान (एआई) करेंगे।

स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

लखनऊ। पशुपालकों को अपने पशुओं का कृत्रिम गर्भाधान कराने के लिए अब इधर-उधर भटकना नहीं पड़ेगा इसके लिए पशुधन प्रसार अधिकारी घर-घर जाकर पशुओं का कृत्रिम गर्भाधान (एआई) करेंगे।

उत्तर प्रदेश पशुधन परिषद के सीईओ डॉ. बलभद्र यादव बताते है,“जिन नए पशुधन प्रसार अधिकारी की नियुक्ति हुई है उनको कृत्रिम गर्भाधान करने के उपकरण दिए गए हैं ताकि केंद्रों में न बैठकर वो घर-घर जाकर एआई कर सकेंगे। इससे पशुपालकों को प्राईवेट सीमन भी नहीं लेना पड़ेगा।”यादव आगे बताते हैं, “एआई सिर्फ पशुधन प्रसार अधिकारी को ही नहीं बल्कि पशुमित्रों को भी करना है। बछिया या बछड़ा हुआ तो इसके लिए पशुमित्रों को मानदेय तो मिलेगा साथ प्रोत्साहन राशि के तौर पर प्रति पशु सौ रुपए भी दिए जाएंगे।”

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बरेली जिला मुख्यालय से लगभग 20 किलोमीटर दूर उत्तर दिशा में भोजीपुरा ब्लॉक में रहने वाले रामकरन वर्मा (44 वर्ष) के पास दो भैंसे हैं। रामकरन बताते हैं, “अगर घर आकर एआई करेंगे तो आसानी होगी। क्योंकि गर्भधारण करने के लिए पशु का कोई समय निश्चित नहीं होता है वो कभी भी गर्भधारण करने के परिपक्व हो जाती है। ऐसे में अस्पताल जाने की बजाय घर बुला सकेंगे।”

रायबरेली जिले के हरचंदपुर ब्लॉक के शोरा गाँव के अनूप कुमार (39 वर्ष) बताते हैं, “केंद्र में कोई नहीं मिलता है मजबूरी में प्राइवेट एआई करानी पड़ती है। सरकारी अस्पताल में एआई के 30 रुपए लगते है और प्राइवेट में 200 रुपए लगता है। अगर घर आकर एआई हो तो बहुत लाभ मिलेगा।”

क्या कहते हैं आंकड़े

पशुपालन विभाग के आंकड़ों के अनुसार उत्तर प्रदेश में लगभग पांच करोड़ गाय-भैंसों पर 5000 कृत्रिम गर्भाधान केंद्र हैं यानी 10,000 गाय-भैंसों के लिए केवल एक केंद्र। ऐसे में घर-घर जाकर पशुओं का कृत्रिम गर्भाधान करने से पशुपलकों को काफी लाभ होगा।

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