मशरूम की खेती करने वालों के लिए बढ़िया मौका, ऑनलाइन ट्रेनिंग लेकर शुरू कर सकते हैं खेती

तीन दिन के ऑनलाइन प्रशिक्षण में मशरूम की खेती से लेकर बाजार में बेचने तक की जानकारी दी जाएगी, साथ ही मशरूम की खेती को लेकर चल रही सरकारी योजनाओं की भी जानकारी मिलेगी।

Update: 2020-08-31 07:27 GMT

अगर आप भी मशरूम की खेती शुरू करना चाहते हैं तो ये बढ़िया मौका है, घर बैठे ऑनलाइन प्रशिक्षण लेकर आप भी मशरूम की खेती शुरू कर सकते हैं।

पिछले कुछ साल में बाजार में मशरूम की मांग बढ़ी है, लेकिन जिस तरह से बाजार में मांग है, उतना उत्पादन नहीं हो पा रहा है। ऐसे में किसान मशरूम की खेती से अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।

गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, का मशरूम अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र 09 से 11 सितम्बर को तीन दिवसीय ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कर रहा है, जिसमें बटन, ढिगरी पुआल मशरूम और दुधिया मशरूम की खेती की जानकारी मिलेगी।

मशरूम अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र के संयुक्त निदेशक डॉ. केपीपीएस कुशवाहा बताते हैं, "कोरोना के चलते इस बार ऑनलाइन ट्रेनिंग दी जाएगी, इससे हर बार जो किसान नहीं पहुंच पाते थे, ऑनलाइन माध्यम से ज्यादा लोग जुड़ पाएंगे। अभी सितम्बर में तीन दिन का ट्रेनिंग प्रोग्राम है, अगर लोगों की अच्छी प्रतिक्रिया मिलेगी तो आगे भी ऑनलाइन ट्रेनिंग प्रोग्राम चलते रहेंगे, जिससे ज्यादा लोग मशरूम की खेती की जानकारी ले पाएं।"

इन तीन प्रकार के मशरूम की खेती से किसानों को होगा फायदा

1. बटन मशरूम

2. ढिंगरी मशरूम (ऑयस्टर मशरुम)

3. दूधिया मशरूम (मिल्की)

इसमें ऑयस्टर यानि ढिंगरी मशरूम की खेती सबसे सस्ती और आसान होती है, जबकि दूसरे मशरूम की तुलना में इसके औषधीय गुण भी ज्यादा होते हैं। बड़े महानगरों जैसे दिल्ली, मुंबई, कलकत्ता, में इसकी ज्यादा मांग रहती है। बटन मशरूम की खेती कम तापमान वाले क्षेत्रों और सर्दियों में की जाती है, लेकिन इसे ग्रीन हाउस तकनीक से साल भर और हर जगह उगाया जा सकता है। सरकार बटन मशरूम की खेती के प्रचार-प्रसार को प्रोत्साहित भी कर रही है। अब इसका उत्पादन 20 किग्रा. प्रति वर्गमीटर से अधिक है दस पहले तक प्रति वर्ग मीटर मात्र तीन किलो ही था। उत्तर प्रदेश में इसका अच्छा उत्पादन हो रहा है।


ऑनलाइन प्रशिक्षण के लिए आवेदन

प्रशिक्षण कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पांच सौ रुपए की रजिस्ट्रेशन फीस जमा करनी होगी। इसके लिए आपको पांच सौ रुपए का पंजीकरण शुल्क भारतीय स्टेट बैंक खाता संख्या 30081736247, आईएफएससी कोड SBIN0001133 में जमा करना होगा, उसके बाद ट्रांजेक्शन डिटेल की कॉपी ईमेल- totmrtcpant@gmail.com और व्हाट्सएप नंबर 9389017092 पर भेजना होगा। प्रशिक्षण का आयोजन गूगल मीट पर होगा। पांच सितम्बर रजिट्रेशन की आखिरी तारीख है।

अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें

कैलाश सिंह कुशवाहा

संयुक्त निदेशक

मशरूम अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र, गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय

मोबाइल नंबर: 8475008884 (फोन करने का समय: सुबह नौ बजे से शाम पांच बजे )

ये भी पढ़ें: मशरूम उत्पादन की पूरी जानकारी, पढ़िए कब और कैसे कर सकते हैं खेती

ये भी पढ़ें: अब गर्मी के मौसम में भी उगा सकते हैं दूधिया मशरूम

ये भी पढ़ें: उत्तराखंड में पलायन को रोकने के लिए दिव्या रावत बनीं 'मशरूम गर्ल'

Full View


Similar News