समय से बारिश शुरू होने से खरीफ का रकबा बढ़ा, 177.04 लाख हेक्टेयर में हुई धान की बुवाई

Update: 2017-07-21 23:23 GMT
खरीफ सीजन में चल रही धान की बुवाई।

नई दिल्ली (भाषा)। खरीफ सत्र में अभी तक धान बुवाई का रकबा पिछले साल की तुलना में 4.6 प्रतिशत बढ़ा है। इस तरह अब तक कुल धान की बुवाई का आंकड़ा 177.04 लाख हेक्टेयर हो चुका है। जबकि दलहन बुवाई का रकबा 3.3 प्रतिशत बढ़कर 93.36 लाख हेक्टेयर हो गया है। कृषि मंत्रालय ने आज एक बयान में कहा, ''राज्यों से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार 21 जुलाई, 2017 तक खरीफ फसलों की कुल बुवाई का रकबा 685.31 लाख हेक्टेयर हो चुका है, जबकि पिछले वर्ष अभी तक हुई बुवाई का आंकड़ा 673.41 लाख हेक्टेयर ही था।''

गन्ने की फसल की निराई-गुड़ाई करता किसान।

धान की बुवाई चालू खरीफ सत्र में 177.04 लाख हेक्टेयर में की गई है, जो पिछले वर्ष अब तक 169.23 लाख हेक्टेयर ही था।'' इसी तरह दलहन की बुवाई का रकबा बढ़कर अभी तक 93.36 लाख हेक्टेयर है, जो विगत वर्ष 90.33 लाख हेक्टेयर था।'' वहीं, मोटे अनाज की बुवाई का रकबा पहले के 129.41 लाख हेक्टेयर के मुकाबले इस बार अभी तक 130.90 लाख हेक्टेयर है।

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तिलहन फसलों का रकबा घटा

तिलहन फसलों में बुवाई का रकबा इस बार घटा है। तिलहन घटकर 123.55 लाख हेक्टेयर रह गया, जो पहले 144.82 लाख हेक्टेयर था। नकदी फसलों में गन्ना 49.15 लाख हेक्टेयर में बोया गया है जो पिछले वर्ष अभी तक 45.22 लाख हेक्टेयर में बोया गया था। कपास की बुवाई का रकबा बढ़ा है। यह बढ़कर 104.29 लाख हेक्टेयर हो चुका है, जो पिछले साल 86.86 लाख हेक्टेयर था। जूट की बुवाई का रकबा घटकर 7.02 लाख हेक्टेयर रह गया है, जो पिछले वर्ष 7.54 लाख हेक्टेयर था।

आपको बता दें कि इस वर्ष मानसून की बरसात सामान्य रहने की उम्मीद के कारण सरकार का नये फसल वर्ष 2017-18 में खाद्यान्न व बागवानी फसलों में अधिक उत्पादन का लक्ष्य है। हालांकि बड़ी मात्रा में उत्पादन होने से स्थानीय बाजारों में कीमतों में गिरावट आने की संभावना भी है।

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