लखनऊ। अभी तक आपने गाय-भैंस मे ही एआई (कृत्रिम गर्भाधान) के बारे में सुना होगा लेकिन अब बकरियों में भी एआई तकनीक का इस्तेमाल किया जा सकेगा ताकि बकरियों में नस्ल सुधार हो सके।
ऐसे ही कई नई-नई तकनीकों को किसानों तक पहुंचाने के लिए लखनऊ के भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान में 26 अक्टूबर से 28 अक्टूबर तक कृषि कुम्भ 2018 मेले का आयोजन किया जाएगा। इस मेले में देश-विदेश की 200 से ज्यादा कंपनियां शामिल होंगी। यूपी के कृषि विभाग का दावा है कि कृषि कुंभ किसानों और पशुपालकों की आमदनी बढ़ाने की दशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा, क्योंकि यहां पर किसानों नई तकनीकी, अविष्कार और संसाधनों को समझने का मौका मिलेगा साथ ही मौके पर ही उनके सवालों के जवाब दिए जाएंगे।
"कृषि के साथ-साथ पशुपालन को अपनाकर कैसे किसान अपनी आय को दोगुना कर सकता है। इसके लिए कई तरह के मॉडल तैयार किए गए है। इसके अलावा पशुपालक कैसे वर्षभर हरा चारा का उत्पादन कर सकते है इसके कई प्रदर्शन लगाए है। जैसे किसान नेपियर के साथ लोबिया, नेपियर के साथ बरसीम लगाकर हरे चारे की समस्या को दूर कर सकते है।" उत्तर प्रदेश पशुपालन विभाग के उपनिदेशक डॉ अरविंद कुमार सिंह ने बताया।
डॉ सिंह ने आगे बताया, "सेक्सड सीमेन से उत्पन्न संतति का भी प्रदर्शन किया जाएगा। इसके अलावा मथुरा पशुचिकित्साविज्ञान विश्वविद्यालय द्वारा तैयार की साइलेज मशीन का भी प्रदर्शन होगा। इस मशीन के जरिए भूसा को ज्यादा जगह में रखने की जरूरत नहीं होगी।"
यह भी पढ़ें-कृषि कुंभ: किसानों को सिखाए जाएंगे आमदनी बढ़ाने के आसान तरीके, जानिए क्या-क्या होगा ख़ास
अलग-अलग नस्ल की देखने का मिलेगी गाय-भैंस
उत्तर प्रदेश के पशुपालन विभाग के डिप्टी डायरेक्टर डॉ ए.के. वर्मा ने बताया, "स्वेदशी प्रजाति के संवर्धन एवं संरक्षण के लिए उत्तर प्रदेश में 10 फार्म है। जहां से इस कुंभ के लिए छोटे बड़े पशुओं को मिलाकर 150 से ज्यादा पशुओं को लाया जा रहा है। जैसे हरियाणा नस्ल की गाय को हस्तिनांपुर मेरठ से, साहीवाल नस्ल की गाय को बारबंकी के निबलेट फार्म से, थारपारकर गाय को झांसी से, भदावरी भैंस को इटावा फार्म से और मुर्रा भैंस को बाबूगढ़ और लखीमपुर खीरी से लाया जाएगा।"
अपनी बात को जारी रखते हुए डॉ वर्मा आगे बताते हैं, "गाय-भैंस की नस्लों के अलावा भेड़ और बकरियों की भी नस्लों का प्रदर्शन किया जाएगा। नाली भेड़ को जालौन से, मुजफ्फरनगरी भेड़ को भोजपुरा फार्म, बरबरी बकरी को भोजपुरा फार्म और बीटल बकरी को ललितपुर फार्म से लाया जाएगा।"
युवराज भैंसे के बच्चे होंगे आकर्षण का केंद्र
अपनी खासियतों के लिए जाने वाले युवराज (भैंसा) को आप सभी ने देखा होगा लेकिन कृषि कुंभ मेले में आपको इनके बच्चों को भी देखने को भी मिलेगा। पशुपालन विभाग के उपनिदेशक डॉ अरविंद सिंह ने बताया, "युवराज के बच्चों को मेले प्रदर्शन करने का उद्देश्य यही है कि पशुपालकों को पता चल सके कि कैसे भैंसे से भी अच्छा उत्पादन किया जा सकता है।"
कृषि कुंभ 2018 में पशुपालन विभाग की तरफ से यह होंगे कार्यक्रम
- कुक्कुट प्रदर्शन-लो इंपुट टेक्नोलॉजी के पक्षियों का प्रदर्शन।
- कमर्शियल कुक्कुट उत्पादन का प्रदर्शन।
- हाई प्रोटीन डाइट की उपलब्धता के लिए अजोला का प्रदर्शन।
- पशुधन विकास परिषद् द्वारा पशुपालकों को पशुधन बीमा और इनाफ टैगिंग के संबंध जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी।
यह भी पढ़ें-इस नई तकनीक से रबड़ के पेड़ों से कमा सकते हैं दोगुना लाभ
कृषि कुंभ मेले में पशुपालकों को हर वर्ष हराचारा का उत्पादन किस तरह मिले इसके लिए प्रदर्शन किया गया है
- नैपियर के साथ लोबिया
- नैपियर के साथ बरसीम
- मक्का के साथ लोबिया
- गिनी के साथ ग्वार
- नैपियर के साथ ग्वार
- गिनी के साथ लूसर्न
- अमरूद के साथ बरसीम
- आंवला के साथ गिनी
- बेर के साथ बरसीम
- शीशम के साथ नैपियर
- सहजन के साथ गिनी