जीएम फसल विवाद: ‘कुछ किसान संगठन कम्पनियों के मुखौटे’

Update: 2016-10-21 19:27 GMT
जीएम सरसों का देशभर में हो रहा था विरोध।

नई दिल्ली (भाषा)। जीन संवर्धित (जीएम) फसलों का विरोध करने वाले एक संगठन ने आरोप लगाया कि जीएम फसलों के वाणिज्यीकरण की मांग करने वाले सात किसान संगठनों की पृष्ठभूमि संदिग्ध किस्म की है और उन संगठनों में से एक तो कृषि रसायन उद्योग का मुखौटा संगठन है।

एलायंस फॉर सस्टेनेबल एंड होलिस्टिक एग्रीकल्चर (आशा) ने कहा कि ये आश्चर्यजनक है कि ये संगठन किसानों के नाम पर विशेषतौर पर जीएम आधारित संकर फसल की मांग कर रहे हैं और उनके पास कोई सबूत नहीं है कि इन फसलों की उपज सीएमएस आधारित संकर के मुकाबले अधिक होती है।

आशा की कविता कुरगंती ने कहा, राष्ट्रीय प्रोग्रेसिव किसान एसोसिएशन वाले इस प्रमुख नेटवर्क से जुड़े कुछ संगठनों की प्राथमिक हित के संदर्भ में संदेहास्पद पृष्ठभूमि है कि वे किसानों के जीवनयापन को समर्थन देने के लिए अस्तित्व में हैं अथवा निगमित हितों को प्रोत्साहित करते हैं।

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