जीएम फसल नियामक ने जीएम सरसों के व्यवसायिक उपयोग को मंजूरी दी 

Update: 2017-05-12 13:06 GMT
गाँव कनेक्शन

नई दिल्ली (भाषा)। भारत के जीएम फसलों के नियामक ने पर्यावरण मंत्रालय को दी गई एक प्रस्तुति में जीन संवर्धित सरसों के वाणिज्यिक उपयोग की सिफारिश की है, हालांकि आरएसएस से संबद्ध निकाय सहित कई संगठनों ने इस पर एतराज जताया है।

जीएम फसलों के मूल्यांकन करने का काम पाने वाले जेनेटिक इंजीनियरिंग एप्राइजल समिति (जीईएसी) ने अपनी प्रस्तुति में इसके लिए सकारात्मक सिफारिश दी है --‘‘लेकिन कुछ शर्तों के साथ'' मंत्रालय के तहत आने वाले जीईएसी ने सुरक्षा पहलुओं की जांच करने के लिए गठित की गई एक उप समिति की रिपोर्ट की समीक्षा की। अब पर्यावरण मंत्रालय को इस बारे में अंतिम फैसला करना है।

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जीईएसी ने मंत्रालय को इसके व्यवसायिक इस्तेमाल की सिफारिश करते हुए कई सारी शर्तों को भी रखा है। आरएसएस से जुड़े स्वदेशी जागरण मंच ने इस कदम की आलोचना की है। संगठन का कहना है कि जीएम सरसों के वाणिज्यिक उपयोग को मंजूरी देने का असर कृषि से जुड़ी गतिविधियों पर पड़ेगा।

वहीं जीएम विरोधी संगठनों का तर्क है कि जीएम सरसों के वाणिज्यिक उपयोग को मंजूरी दे कर जीईएसी ने यह दोबारा सिद्ध किया है कि एसका रवैया नागरिकों के स्वस्थ्य के लिए अवैज्ञानिक और बेपरवाह है।

जीएम सरसों का विरोध किया है, उन्होंने कहा कि यह ‘अवैध’ है और इसको विकसित करने वालों ने ‘फर्जी साइंस’ किया है।
वंदना शिवा पर्यावरण कार्यकर्ता

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