सामान्य मॉनसून ला सकता है ग्रामीण मांग में तेजी

Update: 2017-04-21 15:22 GMT
सामान्य मॉनसून से आ सकती है ग्रामीण मांग में तेजी।

लखनऊ। वैश्विक वित्तीय सेवा कंपनी ‘बैंक ऑफ अमेरिका मेरिल लिंच’ (बोफाएमएल) ने एक शोध रिपोर्ट जारी की है जिसके मुताबिक ग्रामीण मांग में तेजी दो चीजों से आ सकती है। पहली ये कि मॉनसून सामान्य हो, जिसका पूर्वानुमान हो चुका है और दूसरा है कि आरबीआई को अगस्त महीने में नीतिगत दरों में 25 बीपीएस की कटौती करनी चाहिए।

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भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने हाल ही में रिपोर्ट जारी की जिसमें यह बताया गाया कि भारत में इस साल मानसून सामान्य रहेगा जो ग्रामीण मांग के लिए बेहतर साबित हो सकता है। बोफाएमएल की रिपोर्ट के मुताबिक रबी गेहूं की खेती से किसानों की आय में 13 फीसदी की बढ़ोतरी होनी चाहिए। इसके साथ ही कहा गया है कि सामान्य बारिश से अगस्त में खुदरा महंगाई चार फीसदी हो सकती है। साथ ही अगर जीडीपी की पुरानी सीरीज़ (श्रृंखला) की बात करें तो इसके मुताबिक वृद्धि दर 4.5 से 5 फीसदी के दायरे में चल रही है जिसमें मांग आधारित मुद्रास्फीति की संभावना भी कम है। यह अगस्त में नीतिगत दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती को समर्थन दे सकता है। वृद्धि दर सात फीसदी की संभावना से कम है।

आरबीआई की अगली मौद्रिक नीति समीक्षा जून में

रिज़र्व बैंक ने 6 अप्रैल को अपनी ‘मौद्रिक नीति समीक्षा’ में रेपो रेट ( वो रेट है, जिस पर आरबीआई बैंकों को कर्ज देता है) को 6.25 फीसदी पर बरकरार रखा लेकिन रिवर्स रेपो रेट को 5.75 प्रतिशत से बढ़ाकर 6.0 फीसदी कर दिया। रिज़र्व बैंक की अगली मौद्रिक नीति समीक्षा जून में होगी। रिपोर्ट के अनुसार मुद्रास्फीति जोखिम को बढ़ाकर पेश किया गया है। एक तरफ जहां कमजोर आर्थिक वृद्धि और खाद्य मुद्रास्फीति में नरमी से कीमतों पर रोक लगेगी वहीं दूसरी ओर अल नीनो के जोखिम को देखते हुए रिज़र्व बैंक उपाय के तौर पर आपूर्ति प्रबंधन को महत्व दे रहा है।

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