फसल अवशेषों से बना सकते हैं पौष्टिक चारा 

Update: 2017-04-18 14:42 GMT
गाय-भैंस को अमोनिया ट्रीटमेंट का पौष्टिक चारा दिया जा रहा है।

स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

लखनऊ। रबी की फसलों की कटाई के बाद ज्यादातर किसान फसल अवशेषों को खेत में ही जला देते हैं, जिससे मिट्टी की सेहत पर असर पड़ता है। ऐसे में नेशनल डेयरी रिसर्च इंस्टीट्यूट ने नया तरीका निकाला है, जिसमें फसल अवशेष को अमोनिया से ट्रीट करके दुधारू पशुओं के लिए पौष्टिक आहार बनाया जा रहा है।

अपनी बात को जारी रखते हुए डॉ. त्यागी ने बताया, “अभी 100 गाय-भैंस को अमोनिया ट्रीटमेंट का पौष्टिक चारा दिया जा रहा है। इसके बाद उनके स्वास्थ्य पर नजर रखी जा रही है। दूध निकालकर रोजाना रीडिंग नोट की जा रही है। अभी तक दूध उत्पादन 10-15 फीसदी बढ़ा है। दूध की गुणवत्ता में भी सुधार हुआ है।”

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इस तकनीक के जरिए सूखे चारे को भी पौष्टिक बना पाएंगे, जिससे पशुओं का दूध उत्पादन तो बढ़ेगा साथ ही जो किसान फसल को अवशेषों को जला देते थे वो भी कम होगा। इसमें अमेरिका के मिशिगन यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक भी मदद कर रहे हैं।
डॉ. एके त्यागी, विभागाध्यक्ष, नेशनल डेयरी रिसर्च इंस्टीट्यूट

ऐसे बनेगा पौष्टिक आहार

फसल कटाई के बाद बचे अवशेष में शर्करा पॉलीमर आपस में बंधे होते हैं। इससे पशुओं को कम पौष्टिक वाला आहार मिलता है। इस नई तकनीक के जरिए शर्करा पॉलीमार को अमोनिया की क्रिया करवाकर अवशेषों से रिलीज करवाने का प्रयास किया है, ताकि पशु इसे आसानी से पचा सकें। जो पोषक तत्व अवशेषों में मौजूद हैं वे भी मवेशियों के लिए आसानी से उपलब्ध हो। इस तकनीक को अमोनिया फाइबर एक्सपेंशन नाम दिया है।

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