मीठा गन्ना उगाने वाले किसानों की जिंदगी कसैली

Update: 2017-02-17 15:06 GMT
235 से 300 रुपये प्रति कुंतल तक कोल्हू पर गन्ना बेचने पर मजबूर हुए किसान।

लखीमपुर (यूपी)। उत्तर प्रदेश में दो चरणों को चुनाव हो चुके हैं, अभी पांच चरणों में मतदान होना है। जिन दो चरणों में चुनाव हुआ जिले गन्ना बेल्ट कहे जाते हैं। मेरठ और सहारनपुर से लेकर लखीमपुर तक गन्ने पर ग्रामीण अर्थव्यवस्था टिकी है। समय पर भुगतान न होना गन्ना किसानों की प्रमुख समस्या है। इसके साथ ही रकबे के मुताबिक पर्ची न मिलना किसानों की मुसीबत बढ़ाता है। कोल्हू पर गन्ना बेचना एक विकल्प है लेकिन उसमें प्रति कुंटल 25-50 रुपये का घाटा होता है। करीब सवा सौ चीनी मिलों वाले यूपी में चीनी और करीब 2700 करोड़ कारोबार है। देखिए लखीमपुर के लोग क्या कहते हैं।

यहां देेखें वीडियो-

Full View

गन्ना किसानों के प्रमुख मुद्दे और सुनिए उन्हीं की जुबानी उनका दर्द

  1. 1. गन्ने के रकबे के हिसाब से किसानों को चीनी मिलें नहीं जारी कर रहीं पर्ची
  2. 2. चीनी मिलों से समय पर पैसा न मिलने और कोल्हू पर गन्ना बेचने को मजबूर किसान
  3. 4. कोल्हू पर गन्ना बेचने से किसानों को प्रति कुंतल 25-50 रुपये का नुकसान
  4. 5. यूपी में करीब 35 लाख किसान करते हैँ गन्ने की खेती
  5. 6. 40-45 जिलों में होती है गन्ने की बुवाई
  6. 7. यूपी में 119 चीनी मिलें और 2700 करोड़ से ज्यादा का व्यवसाय

Similar News