दस वर्षों में इस बार सबसे अधिक हुई जौ की बुवाई

Update: 2017-01-19 16:14 GMT
नए आंकड़ों के मुताबिक 176.318 हजार हेक्टेयर में जौ की हो चुकी है बुवाई

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में अनुकूल मौसम के कारण पिछले एक दशक में पहली बार जौ की रिकाॅर्ड बुवाई हुई है। कृषि विभाग की तरफ से जो रबी सीजन की बुवाई के जो नवीनतम आंकड़े आए हैं उसके मुताबिक 176.318 हजार हेक्टेयर में जौ की बुवाई हो चुकी है जबकि पिछले साल मात्र 153.340 हजार हेक्टेयर में ही जौ की बुवाई हुई थी।

उत्तर प्रदेश कषि विभाग निदेशक ज्ञान सिंह ने बताया “कृषि विभाग ने रबी अभियान के तहत साल 2016-17 में जौ की बुवाई का लक्ष्य 167.00 हजार हेक्टेयर ही रखा था लेकिन इस लक्ष्य से अधिक बुवाई हो चुकी है। अगर मौसम ने साथ दिया तो इस साल प्रदेश में जौ का रिकाॅर्ड उत्पादन होगा।” उन्होंने बताया कि इस साल प्रदेश में जौ उत्पादन का लक्ष्य 479 हजार मीट्रिक टन निर्धारित किया गया है जबकि पिछले साल प्रदेश में 270 हजार मीट्रिक टन ही जौ का उत्पादन किया गया था।

जौ में पाए जाने वाले पोषक तत्वों के कारण आजकल देशी-विदेशी कंपनियों जौ से बने खाद्य पदार्थां को बाजार में उतार रही हैं। जिसके कारण जौ की मांग तेजी से बढ़ रही है। पिछले कुछ सालों में रबी की अन्य फसलों के मुकाबले जौ की कम पैदावार होने से किसानों का इसकी खेती से मोहभंग हो गया था और प्रदेश में जौ की खेती की रकबा लगातार घट रहा था लेकिन बाजार में जौ की बढ़ती डिमांड ओर गेहूं के बदले इसको मिल रही अच्छी कीमत से किसानों ने फिर से जौ की खेती की तरफ रुख किया है।

जौ की इस बढ़ती हुई डिमांड को देखते हुए भारतीय गेहूं और जौ अनुसंधान संस्थान, करनाल ने जौ की कई नवीन किस्मों को विकसित किया गया है। जिसमें उत्तर प्रदेश को ध्यान में रखते हुए डी डब्ल्यू आरयूबी 52, आरडी 2668, एनडीबी 1173, एनडीबी 1445 किस्में से किसान जौ की अच्छी पैदावार ले

सकते हैं।

जौ की बुवाई में बुंदलेखंड बना सिरमौर

लखनऊ। पिछले कई साल से सूखे की मार झेल रहे बुंदेलखंड में इस बार सबसे ज्यादा रकबे में जौ की बुवाई हुई है। कृषि विभाग की तरफ से जौ की बुवाई के मंडलवार जो आंकड़े जारी किए गए हैं उसके मुताबिक झांसी मंडल में 28.609 हजार हेक्टेयर में जौ की बुवाई हो चुकी है। वहीं चित्रकूट मंडल में 20.405 हजार हजार हेक्टेयर में जौ की बुवाई हुई है। झांसी जिले के बदगाँव ब्लाक के बेहटा गाँव के किसान मनीराम इसबार अपने 5 बीघा खेतों में जौ की बुवाई किए हैं। उनका कहना है “पहले जौ की खेती करने पर घाटा उठाना पड़ता था क्योंकि जौ की पैदावार को बाजार में दाम नहीं अच्छे मिलते थे, आढ़ती इसको खरीदने में रूचि नहीं दिखाते थे लेकिन पिछले साल से जौ की मंडियों में डिमांड है, इसलिए इस बार जौ की खूती किया हूं।”

झांसी जिले के बबीना ब्लाॅक के सरवा गाँव की महिला किसान मीना कुशवाहा भी जौ की खेती को लेकर इस बार उत्साहित हैं उनका कहना है “जौ की बाजारों में बहुत मांग है, आढ़ती लोगों ने कहा कि जौ की खेती इस बार कीजिए, अच्छा पैसा मिलेगा। इसलिए जौ की खेती कई वर्षों बाद की गई है।”

प्रदेश में इस बार सिर्फ बुंदेलखंड ही नहीं बल्कि प्रदेश के सभी 17 जिलों में जौ की बुवाई का रकबा बढ़ा है।

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