खनन की मिट्टी बिगाड़ रही सेहत

Update: 2015-12-19 05:30 GMT
गाँव कनेक्शन

शुक्लागंज (उन्नाव)। शासन से अनुमति मिलने के बाद खनन माफिया राजस्व विभाग को चूना लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। उन्नाव-शुक्लागंज रोड के चौड़ीकरण के कारण लगातार खनन की जा रही मिट्टी लोगों के लिए मुसीबत का कारण बनती जा रही है।

उन्नाव के थाना गंगाघाट क्षेत्र के देवारा खुर्द गाँव में 5000 घन मीटर मिट्टी खनन का पट्टा सहजनी निवासी अर्जुन सिंह पुत्र स्व. चन्द्रभान सिंह के नाम पर जारी हुआ है। ये लोग 24 घण्टे मिट्टी का खनन करते हैं और अधिक मुनाफे के लिए ट्रैक्टर और डम्फर में मिट्टी को ओवरलोडेड करके गाडिय़ों को ले जाते हैं। इसकी वजह से ओवरलोड मिट्टी रास्ते भर गिरते हुए जाती है और चारों तरफ धूल ही धूल फैल जाती है। सहजनी निवासी नीशू बताते है, "धूल की वजह से गाँव के तमाम लोगों को सांस लेने में दिक्कत, आंखों में जलन एवं त्वचा रोग जैसी बीमारियों की शिकायत रहती है। जब हम लोग डॉक्टर के पास जाते हैं तो डॉक्टर हमें धूल से दूर रहने के लिए कहता है।" 

यहां से करीब 50-50 ट्रैक्टर और 15-20 डम्पर रोज चलते है। एक ट्रैक्टर 12 घण्टे में 10-12 चक्कर और एक डम्फर 8-10 चक्कर लगा रहा है। ये सभी गाड़ियां 24 घण्टे चलती है। सिर्फ 12 घण्टे की शिफ्ट के बाद ड्राइवर बदल जाता है। इन गाड़ियों का न ही एमएम-11 की रशीद काट कर दी जाती है न ही कभी इसकी जांच होती है। 

सहजनी के निवासी वीरेन्द्र रोड पर ही दुकान चलाते हैं। उनका कहना है, "कई दिनों से आंखों मे जलन की शिकायत थी। डॉक्टर को दिखाने के बाद डॉक्टर ने बताया कि मेरी आंखों में धूल की वजह से इन्फेक्शन हो गया है और डस्ट पार्टिकल की वजह से उसकी आंखों में घाव होने लगे हैं।" 

वो आगे बताते है, '"यदि मैं दुकान नहीं खोलूंगा तो परिवार का भरण पोषण कैसे करूंगा।" इस संबंध में जिला अस्पताल के फिजीशियन डॉ. सुमित अग्निहोत्री ने बताया कि धूल से सांस लेने में दिक्कत होती हैं। अधिक धूल में चलने से आंखों की रोशनी कम हो जाती हैं।

रिपोर्टर- विशाल मौर्य

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