लखनऊ। नूरजहां और उसकी बेटी नरगिस का प्रयास रंग लाया। ग्रामीण महिलाओं के लिए प्रेरणा बनी मां-बेटी ने पूरे गाँववासियों को खुले में शौच से होने वाले दुष्प्रभावों से अवगत कराया। नूरजहां और नरगिस के प्रयास से जल्द ही पूरा पपनामऊ गाँव खुले में शौच से मुक्त होगा। इसके लिए जिलाधिकारी राजशेखर ने मां-बेटी को पुरस्कृत किया।
चिनहट ब्लॉक के पपनामऊ गाँव में अब महिलाओं को अंधेरा होने का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। गाँव के 418 परिवार के घरों के लोग अब खुले में शौच नहीं जाएंगे। नूरजहां और उसकी बेटी नरगिस की कोशिश से पूरा गाँव खुले में शौच मुक्त होने जा रहा है। तमाम जिल्लत से रूबरू होने वाली इस मां-बेटी ने स्वयं शौचालय का निर्माण कर लोगों को गाँव को खुले में शौच से मुक्त करने के लिए प्रेरित किया।
नूरजहां ने बताया, “ उसने और उसकी बेटी ने खुद शौचालय बनाने के लिए गड्ढा खोदा और इसका निर्माण शुरु कराया।
इसके लिए उनको आर्थिक मदद भी मिली। उन्होंने ने बताया कि खदु के घर में शौचालय बनाने के साथ ग्रामीणों को खुले में शौच से होने वाली बीमारी और अन्य दिक्कतो के बारे में भी जानकारी भी दी। जिलाधिकारी राजशेखर ने नूरजहां और नरगिस को महान नाम और सम्मान से नवाजा।
इसके साथ ही दोनों को प्रमाण पत्र और दो-दो हजार रुपए नकद देकर पुरस्कृत किया। जिलाधिकारी ने बताया, “अगले दो सप्ताह में लम्बित पड़े 13 शौचालयों का निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा। इसके पूरा होते ही समूचे गाँव के घरों में शौचायल बन जाएंगे और गाँव खुले में शौच मुक्त हो जाएगा।”